निवेदन
गीता सबके लिये है फिर बच्चे उससे वंचित क्यों? गीताप्रेसके संस्थापक, संरक्षक ब्रह्मलीन श्रीजयदयालजी गोयन्दका बच्चोंको गीता याद (कण्ठस्थ) करानेकी प्रेरणा देते थे । इस दृष्टिसे यह पुस्तक बच्चे तथा अन्य लोग जो गीताके विषयमें जानकारी नहीं रखते हैं, उनके लिये विशेष उपयोगी है। पद्यपुराणमें गीताके प्रत्येक अध्यायका माहात्म्य कथाओंके माध्यमसे समझाया गया है; वही इस पुस्तकमें दिया जा रहा है, जिससे बच्चे तथा अन्य पाठक गीता याद करने तथा समझनेकी प्रेरणा ले सकें ।
विषय-सूची
1
श्रीमद्भगवद्गीताके पहले अध्यायका माहात्म्य
5
2
श्रीमद्भगवद्गीताके दूसरे अध्यायका माहात्म्य
10
3
श्रीमद्भगवद्गीताके तीसरे अध्यायका माहात्म्य
15
4
श्रीमद्भगवद्गीताके चौथे अध्यायका माहात्म्य
21
श्रीमद्भगवद्गीताके पाँचवें अध्यायका माहात्म्य
25
6
श्रीमद्भगवद्गीताके छठे अध्यायका माहात्म्य
28
7
श्रीमद्भगवद्गीताके सातवें अध्यायका माहात्म्य
33
8
श्रीमद्भगवद्गीताके आठवें अध्यायका माहात्म्य
36
9
श्रीमद्भगवद्गीताके नवें अध्यायका माहात्म्य
39
श्रीमद्भगवद्गीताके दसवें अध्यायका माहात्म्य
43
11
श्रीमद्भगवद्गीताके ग्यारहवें अध्यायका माहात्म्य
49
12
श्रीमद्भगवद्गीताके बारहवें अध्यायका माहात्म्य
57
13
श्रीमद्भगवद्गीताके तेरहवें अध्यायका माहात्म्य
61
14
श्रीमद्भगवद्गीताके चौदहवें अध्यायका माहात्म्य
65
श्रीमद्भगवद्गीताके पंद्रहवें अध्यायका माहात्म्य
68
16
श्रीमद्भगवद्गीताके सोलहवें अध्यायका माहात्म्य
71
17
श्रीमद्भगवद्गीताके सत्रहवें अध्यायका माहात्म्य
74
18
श्रीमद्भगवद्गीताके अठारहवें अध्यायका माहात्म्य
77
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