डॉ. साहब का कहना है-'यदि हिन्दुस्तान हिन्दुओं का देश है तो इसके उद्धार की पूरी जिम्मेदारी हम हिन्दुओं के सिर पर है, अंत: हम इस जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते! यह आशा रखना व्यर्थ है कि बाहरी लोग जिन्हें इस देश से न भक्ति है न प्रेम, वे हमारी मदद करेंगे! जब हमें ही अपने देश को व्यवस्थित और संस्कृतिनिष्ठ रखना है तो संगगठन के सिवाय दूसरा कोई चारा नहीं है!"
डॉ. साहब का कहना है-'यदि हिन्दुस्तान हिन्दुओं का देश है तो इसके उद्धार की पूरी जिम्मेदारी हम हिन्दुओं के सिर पर है, अंत: हम इस जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते! यह आशा रखना व्यर्थ है कि बाहरी लोग जिन्हें इस देश से न भक्ति है न प्रेम, वे हमारी मदद करेंगे! जब हमें ही अपने देश को व्यवस्थित और संस्कृतिनिष्ठ रखना है तो संगगठन के सिवाय दूसरा कोई चारा नहीं है!"