जवाहर लाल नेहरू
जवाहर लाल नेहरू एक कर्मठ सिपहसालार थे! वे कर्मयोगी थे उनकी आवाज़ में आक्रांता के विरुध्द लड़ने वाला सयमित जोश था! जवाहर लाल नेहरू नें स्वंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बनकर महात्मा गांधी की उस सम्भावना को व्यावहारिक रूप दिया, जिसे कभी उन्होनें इन शब्दों में अभिव्यक्त किया था-
'वह कहता है की मेरी भाषा उसकी समझ में नहीं आती वह या भी कहता है की उसकी भाषा मै नहीं समझता ! लकिन मैं जनता हूँ की जब मैं चला जाऊंगा, तब व मेरी ही भाषा बोलेगा!'
सच की कहा था बापू नै नेहरूजी नें समूचे विश्व के साथ विश्व शांति, विश्व-बंधुत्व, सहे-अस्तित्व , करुणा और प्रेम, दया और ममता की भाषा मै ही बात की! नेहरूजी ने स्वंतर भारत को आधुनिक विश्व के समख एक स्वावलम्बी, शांतिपिर्य और वैज्ञानिक दृष्टि संपन्न देश के रूप में स्थापित किया
जवाहर लाल नेहरू
जवाहर लाल नेहरू एक कर्मठ सिपहसालार थे! वे कर्मयोगी थे उनकी आवाज़ में आक्रांता के विरुध्द लड़ने वाला सयमित जोश था! जवाहर लाल नेहरू नें स्वंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बनकर महात्मा गांधी की उस सम्भावना को व्यावहारिक रूप दिया, जिसे कभी उन्होनें इन शब्दों में अभिव्यक्त किया था-
'वह कहता है की मेरी भाषा उसकी समझ में नहीं आती वह या भी कहता है की उसकी भाषा मै नहीं समझता ! लकिन मैं जनता हूँ की जब मैं चला जाऊंगा, तब व मेरी ही भाषा बोलेगा!'
सच की कहा था बापू नै नेहरूजी नें समूचे विश्व के साथ विश्व शांति, विश्व-बंधुत्व, सहे-अस्तित्व , करुणा और प्रेम, दया और ममता की भाषा मै ही बात की! नेहरूजी ने स्वंतर भारत को आधुनिक विश्व के समख एक स्वावलम्बी, शांतिपिर्य और वैज्ञानिक दृष्टि संपन्न देश के रूप में स्थापित किया