लेखक की लेखनी से
सुहृदय पाठको,
प्रस्तुत रचना कृति 'प्राकृतिक स्वास्थ्य और सौन्दर्य' ऐसा उपहार बन पड़ा है जिसमें समय-समय पर आवश्यकता के अनुरूप नीरोगी जीवन, सुदृढ स्वास्थ्य एवं दिव्य सौन्दर्य की रक्षा के लिए बाल-वृद्ध, पुरुष-महिला. युवा-प्रौढ के लिए समान रूप से अत्यन्त उपयोगी विचार हैं। आचरणीय उपचार दिनचर्या में जोड्ने तथा स्वयं परीक्षण योग्य, सुधार की सरल विधि प्रस्तुत की गयी है।
प्रत्येक शीर्षक अपने आपमें आकर्षक, सामग्री सरल, रोचक एव जीवनोपयोगी होने के पीछे परम तपस्वी बाबा कल्याणदास जी महाराज, संस्थापक-कल्याणिका हिमालय देवस्थानम् डोल (अल्मोड़ा) तथा श्री कल्याण सेवा आश्रम, अमरकंटक का आशीर्वाद है। हमने पुस्तकों में पढ़ा, समझा किंतु पूज्य बाबाजी ने तो कठोर तपस्या के बीच झेला, जो अनुभूतियों से पाया, उसकी सुगंधि हमको मिली, वह सब भी इसमें समाहित है।
जो इस कृति को पढ़ेगा, आचरण करेगा वह शारीरिक (Physical), मानसिक (Mental) तथा आध्यात्मिक (Spiritual) शांति एवं आनंद का अनुभव करेगा। माँ प्रकृति की गोद से पनपा स्वास्थ्य (पुरुषों के लिए), सौन्दर्य (महिलाओं के लिए), दिव्यता प्रदान करेगा, इसमें संदेह नहीं।
भाई प्रकाश अग्रवालजी की दूरदृष्टि और आग्रह का यह सुफल है। यह रचना पुस्तकाकार में पाठकों के कर-कमलों में, पूज्य गुरुदेव के चरणों में समर्पित हो रही है। मेरे लिए गौरव तथा आनंद का विषय है। पाठक इस कृति में कहीं भी शंका पाएँ तो समाधान के लिए लिख सकते हैं। माँ-भगवती सब पर कृपा करें।
प्रकाशीय
वर्ष 1950 ई. में हमारे पूज्य पिताश्री (स्व.) जगदीश नारायण अग्रवालजीने पापुलर बुक डिपो संस्थान की स्थापना की थी। उसी के पुनर्जागरण के उद्देश्य से तथा पूज्य पिताजी की पावन स्मृति में डॉ. सुरेन्द्र कपिल की इस रचना 'प्राकृतिक स्वास्थ्य एवं सौन्दर्य' के प्रकाशन के साथ हम पाठकों के समक्ष उपस्थित हैं।
डॉ.कपिल की भाषा-शैली तथा विषय-वस्तु इतनी सरल, मनोग्राही और उपयोगी है कि इससे आम आदमी भी अतिशय लाभान्वित होगा। आशा है, शीघ्र ही आप, 'मोटापा, त्वचा रोग, माँ-शिशु की देखभाल तथा संधिवात (गठिया)' विषयक पुस्तिकाएँ पाठकों के करकमलों में प्रस्तुत करेंगे।
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया ।
सर्वे भद्राणी पश्यन्तु, मा काश्चिद् दुख भाग्भवेत ।।
अनुक्रमणिका |
||
1 |
प्राकृतिक चिकित्सा में प्रकृति के पाँच अमृत |
1 |
2 |
जीवन जीने की कला:प्राकृतिक चिकित्सा |
4 |
3 |
ध्यान मानसिक रोगों का एकमात्र उपाय |
7 |
4 |
हस्त मुद्राओं से रोगोपचार |
10 |
5 |
आपका स्वास्थ्य आपके हाथों में |
13 |
6 |
बालकों का स्वास्थ्य और संस्कार |
16 |
7 |
उपवास धार्मिक एव वैज्ञानिक |
18 |
8 |
मालिश द्वारा कायाकल्प |
22 |
9 |
प्राकृतिक आयुर्विज्ञान जीवन कला |
25 |
10 |
एड्स की प्राकृतिक चिकित्सा |
28 |
11 |
प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा मधुमेह का उपचार |
31 |
12 |
स्वेत प्रदर की प्राकृतिक चिकित्सा |
34 |
13 |
सफेद दाग का सरल इलाज |
38 |
14 |
रूक गैस, एसीडिटी का इलाज |
40 |
15 |
बच्चों को बीमारियों से बचाएँ |
42 |
16 |
स्वास्थ्य और जीवन |
44 |
17 |
स्वच्छ घर स्वस्थ घर |
46 |
18 |
स्थिरम् सुखम् आसनम् |
48 |
19 |
जीव:प्रकृति का वरदान |
51 |
20 |
आओं, चलें गाँव की ओर |
54 |
21 |
आप जानते तो हैं, किन्तु करते नहीं! |
57 |
22 |
शहर की दवा गाँव की हवा |
60 |
23 |
सर्वे सन्तु निरामया: |
63 |
24 |
सावधानी ही तो साधना है! |
65 |
25 |
चाय पीकर, कहीं, आप 'विष' तो नहीं ले रहे हैं |
67 |
26 |
ऊषापान के चमत्कार |
69 |
विशेष जानकारी- आपके लिए |
||
27 |
नैचुरोपैथी संदेश |
3 |
28 |
मधुमेह से मुक्ति |
6 |
29 |
निम्न रक्त चाप |
9 |
30 |
अँ शांति शांति शांति (प्राकृतिक प्रार्थना) |
15 |
31 |
त्वचा रोग की चिकित्सा |
21 |
32 |
जोड़ों में दर्द का इलाज |
24 |
33 |
नेत्र रोगों में, ज्योति बढ़ाने की कला |
27 |
34 |
भगाओ उच्च रक्त चाप |
30 |
35 |
अनुभूत नुस्खे; त्रिफला चूर्ण (शोधक) |
37 |
36 |
आरोग्यामृत (रक्त शोधक, मधुमेह निवारक), बेलफलचूर्ण (पाचक) |
41 |
37 |
आमाशय शुद्धि (आँतों की सफाई) |
43 |
38 |
युक्त आहार |
53 |
39 |
शुद्धि षट्-क्रियाएँ |
56 |
40 |
प्राकृतिक चिकित्सा विधियाँ |
62 |
लेखक की लेखनी से
सुहृदय पाठको,
प्रस्तुत रचना कृति 'प्राकृतिक स्वास्थ्य और सौन्दर्य' ऐसा उपहार बन पड़ा है जिसमें समय-समय पर आवश्यकता के अनुरूप नीरोगी जीवन, सुदृढ स्वास्थ्य एवं दिव्य सौन्दर्य की रक्षा के लिए बाल-वृद्ध, पुरुष-महिला. युवा-प्रौढ के लिए समान रूप से अत्यन्त उपयोगी विचार हैं। आचरणीय उपचार दिनचर्या में जोड्ने तथा स्वयं परीक्षण योग्य, सुधार की सरल विधि प्रस्तुत की गयी है।
प्रत्येक शीर्षक अपने आपमें आकर्षक, सामग्री सरल, रोचक एव जीवनोपयोगी होने के पीछे परम तपस्वी बाबा कल्याणदास जी महाराज, संस्थापक-कल्याणिका हिमालय देवस्थानम् डोल (अल्मोड़ा) तथा श्री कल्याण सेवा आश्रम, अमरकंटक का आशीर्वाद है। हमने पुस्तकों में पढ़ा, समझा किंतु पूज्य बाबाजी ने तो कठोर तपस्या के बीच झेला, जो अनुभूतियों से पाया, उसकी सुगंधि हमको मिली, वह सब भी इसमें समाहित है।
जो इस कृति को पढ़ेगा, आचरण करेगा वह शारीरिक (Physical), मानसिक (Mental) तथा आध्यात्मिक (Spiritual) शांति एवं आनंद का अनुभव करेगा। माँ प्रकृति की गोद से पनपा स्वास्थ्य (पुरुषों के लिए), सौन्दर्य (महिलाओं के लिए), दिव्यता प्रदान करेगा, इसमें संदेह नहीं।
भाई प्रकाश अग्रवालजी की दूरदृष्टि और आग्रह का यह सुफल है। यह रचना पुस्तकाकार में पाठकों के कर-कमलों में, पूज्य गुरुदेव के चरणों में समर्पित हो रही है। मेरे लिए गौरव तथा आनंद का विषय है। पाठक इस कृति में कहीं भी शंका पाएँ तो समाधान के लिए लिख सकते हैं। माँ-भगवती सब पर कृपा करें।
प्रकाशीय
वर्ष 1950 ई. में हमारे पूज्य पिताश्री (स्व.) जगदीश नारायण अग्रवालजीने पापुलर बुक डिपो संस्थान की स्थापना की थी। उसी के पुनर्जागरण के उद्देश्य से तथा पूज्य पिताजी की पावन स्मृति में डॉ. सुरेन्द्र कपिल की इस रचना 'प्राकृतिक स्वास्थ्य एवं सौन्दर्य' के प्रकाशन के साथ हम पाठकों के समक्ष उपस्थित हैं।
डॉ.कपिल की भाषा-शैली तथा विषय-वस्तु इतनी सरल, मनोग्राही और उपयोगी है कि इससे आम आदमी भी अतिशय लाभान्वित होगा। आशा है, शीघ्र ही आप, 'मोटापा, त्वचा रोग, माँ-शिशु की देखभाल तथा संधिवात (गठिया)' विषयक पुस्तिकाएँ पाठकों के करकमलों में प्रस्तुत करेंगे।
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया ।
सर्वे भद्राणी पश्यन्तु, मा काश्चिद् दुख भाग्भवेत ।।
अनुक्रमणिका |
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1 |
प्राकृतिक चिकित्सा में प्रकृति के पाँच अमृत |
1 |
2 |
जीवन जीने की कला:प्राकृतिक चिकित्सा |
4 |
3 |
ध्यान मानसिक रोगों का एकमात्र उपाय |
7 |
4 |
हस्त मुद्राओं से रोगोपचार |
10 |
5 |
आपका स्वास्थ्य आपके हाथों में |
13 |
6 |
बालकों का स्वास्थ्य और संस्कार |
16 |
7 |
उपवास धार्मिक एव वैज्ञानिक |
18 |
8 |
मालिश द्वारा कायाकल्प |
22 |
9 |
प्राकृतिक आयुर्विज्ञान जीवन कला |
25 |
10 |
एड्स की प्राकृतिक चिकित्सा |
28 |
11 |
प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा मधुमेह का उपचार |
31 |
12 |
स्वेत प्रदर की प्राकृतिक चिकित्सा |
34 |
13 |
सफेद दाग का सरल इलाज |
38 |
14 |
रूक गैस, एसीडिटी का इलाज |
40 |
15 |
बच्चों को बीमारियों से बचाएँ |
42 |
16 |
स्वास्थ्य और जीवन |
44 |
17 |
स्वच्छ घर स्वस्थ घर |
46 |
18 |
स्थिरम् सुखम् आसनम् |
48 |
19 |
जीव:प्रकृति का वरदान |
51 |
20 |
आओं, चलें गाँव की ओर |
54 |
21 |
आप जानते तो हैं, किन्तु करते नहीं! |
57 |
22 |
शहर की दवा गाँव की हवा |
60 |
23 |
सर्वे सन्तु निरामया: |
63 |
24 |
सावधानी ही तो साधना है! |
65 |
25 |
चाय पीकर, कहीं, आप 'विष' तो नहीं ले रहे हैं |
67 |
26 |
ऊषापान के चमत्कार |
69 |
विशेष जानकारी- आपके लिए |
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27 |
नैचुरोपैथी संदेश |
3 |
28 |
मधुमेह से मुक्ति |
6 |
29 |
निम्न रक्त चाप |
9 |
30 |
अँ शांति शांति शांति (प्राकृतिक प्रार्थना) |
15 |
31 |
त्वचा रोग की चिकित्सा |
21 |
32 |
जोड़ों में दर्द का इलाज |
24 |
33 |
नेत्र रोगों में, ज्योति बढ़ाने की कला |
27 |
34 |
भगाओ उच्च रक्त चाप |
30 |
35 |
अनुभूत नुस्खे; त्रिफला चूर्ण (शोधक) |
37 |
36 |
आरोग्यामृत (रक्त शोधक, मधुमेह निवारक), बेलफलचूर्ण (पाचक) |
41 |
37 |
आमाशय शुद्धि (आँतों की सफाई) |
43 |
38 |
युक्त आहार |
53 |
39 |
शुद्धि षट्-क्रियाएँ |
56 |
40 |
प्राकृतिक चिकित्सा विधियाँ |
62 |