नम्र निवेदन
भगवान् एवं उनके भक्तोंकी कथाएँ ही सत्कथाएँ हैं । इन कथाओंका श्रवण, मनन और पठनपाठन व्यक्ति एवं समाजके नैतिक उत्थानमें सहायक है । उच्च आदर्शोंकी प्रतिष्ठामें पौराणिक प्रेरक कथाओंका महत्त्वपूर्ण योगदान है । राष्ट्रिय चरित्रको समुन्नत एवं दृढ़ बनानेमें तथा नैतिक मूल्योंकी स्थापना करनेमें भक्त और भगवान्की कथाएँ एक सशक्त माध्यम हैं । ये कथाएँ सत्य, न्याय, दया, सहयोग, संगठन आदि उपयोगी गुणोंके प्रति हमें संवेदनशील बनाती हैं । मानवजीवनके बहुमुखी विकासमें ये सत्कथाएँ अत्यन्त सहयोगी हैं । वास्तवमें पौराणिक कथाओंका लक्ष्य मनुष्यको भगवत्प्राप्तिकी दिशामें प्रेरित करना है । उपदेशपूर्ण कथाओंसे हमारा वैदिक एवं पौराणिक साहित्य भरा पड़ा है । इन कथाओंके श्रवण और मननसे प्रेरणा प्राप्तकर प्रत्येक व्यक्ति जीवनके गूढ़ रहस्यों तथा आत्मोद्धारके मार्गसे सहज ही परिचित हो सकता है । इसलिये उच्च आदर्शों एवं नैतिक जीवनकी प्रेरणा देनेवाली रोचक कथाएँ बालक, वृद्ध और महिलाएँ सभीको प्रिय लगती हैं । संसार बदल गया, वैज्ञानिक युग आ गया, फिर भी कभी न भूलनेवाली धर्मकथाएँ आज भी जनतामें लोकप्रिय हैं और जन जनको आदर्श जीवनकी प्रेरणा दे रही हैं ।
प्रस्तुत पुस्तकमें विभिन्न वेदों एवं पुराणोंसे संगृहीत गायका मूल्य, कुसंगका परिणाम, विश्वासकी विजय, संगीतसे भगवप्राप्ति, द्वादशाक्षर महामन्त्रकी महिमा आदि कथाओंका संकलन किया गया है ।
आशा है पाठकगण इसके स्वाध्यायसे प्रेरणा लेकर अपने आत्मोद्धारका दब प्रशस्त करेंगे ।
विषय सूची |
||
1 |
गायका मूल्य |
5 |
2 |
ब्रह्मवेत्ता याज्ञवल्क्य |
8 |
3 |
भगवान् विष्णुकी आराधना एवं एकादशीव्रतकी महिमा |
10 |
4 |
सत्संग एवं भगवान्के चरणोदककी महिमा |
16 |
5 |
कुसंगकादुष्परिणाम |
20 |
6 |
पुण्यसलिला भगवती गंगा |
24 |
7 |
श्रीदुर्गासप्तशतीकी संक्षिप्त कथा |
27 |
8 |
जडभरत और सौवीर नरेशका संवाद |
37 |
9 |
भगवान् सूर्यका परिवार |
45 |
10 |
भक्तिसे सर्वातिशायी सामर्थ्य |
48 |
11 |
रुद्रावतार नन्दीश्वर |
50 |
12 |
महर्षि वसिष्ठकी क्षमाशीलता |
53 |
13 |
संगीतसे भगवत्प्राप्ति |
56 |
14 |
द्वादशाक्षरमन्त्रकी महिमा |
61 |
15 |
विश्वासकी विजय |
63 |
16 |
भगवान् नारायणकी सर्वव्यापकता |
65 |
17 |
गणेशजीकी उत्पत्तिका प्रसंग और चतुर्थीतिथिका माहात्म्य |
69 |
18 |
दीर्घायुष्य एवं मोक्षके हेनुभूत भगवान् शंकरकी आराधना |
73 |
19 |
भारतके कुमारिकाखण्डकी कथा |
76 |
20 |
श्राद्धकर्मकी महिमा |
79 |
21 |
मदनद्वादशीव्रतका अद्भुत प्रभाव |
84 |
22 |
नागपंचमीवतमाहात्म्य |
87 |
23 |
नृपश्रेष्ठ वरेण्यपर भगवान् गजाननकी कृपा |
92 |
24 |
भगवान् श्रीरामका एकाम्रक्षेत्रीय अश्वमेधयज्ञ |
96 |
25 |
सकुप्रस्थीय मौद्गल्यो पाख्यान |
99 |
26 |
दानधर्मके आदर्श |
105 |
27 |
न्यायमार्गसे लाभ |
109 |
28 |
पूज्य सदैव सम्माननीय |
111 |
29 |
गुरुभक्तके देवता भी सहायक |
119 |
30 |
एक सदाचारकथा |
125 |
नम्र निवेदन
भगवान् एवं उनके भक्तोंकी कथाएँ ही सत्कथाएँ हैं । इन कथाओंका श्रवण, मनन और पठनपाठन व्यक्ति एवं समाजके नैतिक उत्थानमें सहायक है । उच्च आदर्शोंकी प्रतिष्ठामें पौराणिक प्रेरक कथाओंका महत्त्वपूर्ण योगदान है । राष्ट्रिय चरित्रको समुन्नत एवं दृढ़ बनानेमें तथा नैतिक मूल्योंकी स्थापना करनेमें भक्त और भगवान्की कथाएँ एक सशक्त माध्यम हैं । ये कथाएँ सत्य, न्याय, दया, सहयोग, संगठन आदि उपयोगी गुणोंके प्रति हमें संवेदनशील बनाती हैं । मानवजीवनके बहुमुखी विकासमें ये सत्कथाएँ अत्यन्त सहयोगी हैं । वास्तवमें पौराणिक कथाओंका लक्ष्य मनुष्यको भगवत्प्राप्तिकी दिशामें प्रेरित करना है । उपदेशपूर्ण कथाओंसे हमारा वैदिक एवं पौराणिक साहित्य भरा पड़ा है । इन कथाओंके श्रवण और मननसे प्रेरणा प्राप्तकर प्रत्येक व्यक्ति जीवनके गूढ़ रहस्यों तथा आत्मोद्धारके मार्गसे सहज ही परिचित हो सकता है । इसलिये उच्च आदर्शों एवं नैतिक जीवनकी प्रेरणा देनेवाली रोचक कथाएँ बालक, वृद्ध और महिलाएँ सभीको प्रिय लगती हैं । संसार बदल गया, वैज्ञानिक युग आ गया, फिर भी कभी न भूलनेवाली धर्मकथाएँ आज भी जनतामें लोकप्रिय हैं और जन जनको आदर्श जीवनकी प्रेरणा दे रही हैं ।
प्रस्तुत पुस्तकमें विभिन्न वेदों एवं पुराणोंसे संगृहीत गायका मूल्य, कुसंगका परिणाम, विश्वासकी विजय, संगीतसे भगवप्राप्ति, द्वादशाक्षर महामन्त्रकी महिमा आदि कथाओंका संकलन किया गया है ।
आशा है पाठकगण इसके स्वाध्यायसे प्रेरणा लेकर अपने आत्मोद्धारका दब प्रशस्त करेंगे ।
विषय सूची |
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1 |
गायका मूल्य |
5 |
2 |
ब्रह्मवेत्ता याज्ञवल्क्य |
8 |
3 |
भगवान् विष्णुकी आराधना एवं एकादशीव्रतकी महिमा |
10 |
4 |
सत्संग एवं भगवान्के चरणोदककी महिमा |
16 |
5 |
कुसंगकादुष्परिणाम |
20 |
6 |
पुण्यसलिला भगवती गंगा |
24 |
7 |
श्रीदुर्गासप्तशतीकी संक्षिप्त कथा |
27 |
8 |
जडभरत और सौवीर नरेशका संवाद |
37 |
9 |
भगवान् सूर्यका परिवार |
45 |
10 |
भक्तिसे सर्वातिशायी सामर्थ्य |
48 |
11 |
रुद्रावतार नन्दीश्वर |
50 |
12 |
महर्षि वसिष्ठकी क्षमाशीलता |
53 |
13 |
संगीतसे भगवत्प्राप्ति |
56 |
14 |
द्वादशाक्षरमन्त्रकी महिमा |
61 |
15 |
विश्वासकी विजय |
63 |
16 |
भगवान् नारायणकी सर्वव्यापकता |
65 |
17 |
गणेशजीकी उत्पत्तिका प्रसंग और चतुर्थीतिथिका माहात्म्य |
69 |
18 |
दीर्घायुष्य एवं मोक्षके हेनुभूत भगवान् शंकरकी आराधना |
73 |
19 |
भारतके कुमारिकाखण्डकी कथा |
76 |
20 |
श्राद्धकर्मकी महिमा |
79 |
21 |
मदनद्वादशीव्रतका अद्भुत प्रभाव |
84 |
22 |
नागपंचमीवतमाहात्म्य |
87 |
23 |
नृपश्रेष्ठ वरेण्यपर भगवान् गजाननकी कृपा |
92 |
24 |
भगवान् श्रीरामका एकाम्रक्षेत्रीय अश्वमेधयज्ञ |
96 |
25 |
सकुप्रस्थीय मौद्गल्यो पाख्यान |
99 |
26 |
दानधर्मके आदर्श |
105 |
27 |
न्यायमार्गसे लाभ |
109 |
28 |
पूज्य सदैव सम्माननीय |
111 |
29 |
गुरुभक्तके देवता भी सहायक |
119 |
30 |
एक सदाचारकथा |
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