निवेदन
यह भक्तचरितमालाका दूसरा पुष्प है, इसमें भी पाँच भक्त देवियोंके उपदेशप्रद चरित्र हैं । इनमें शबरी और जनाबाईके चरित्र तो अन्य लेखकोंके लिखे हुए हैं, शेष मीराबाई, करमैतीबाई और रबियाके चरित्रोंमें पहला भक्तमाल आदि अनेक ग्रन्थों और स्वास जानकार लोगोंके द्वारा सुनी हुई बातोंके आधारपर, दूसरा भक्तमालके आधारपर और तीसरा एक बंगला पुस्तकके आधारसे लिखा गया है । पाठकपाठिका इन सब चरित्रोंसे लाभ उठावें यही प्रार्थना है ।
निबन्ध-सूची |
||
1 |
शबरी (लेखकवैद्यवर पं० श्रीवृद्धिचन्द्रजी शर्मा) |
1 |
2 |
मीराबाई |
17 |
3 |
करमैतीबाई |
41 |
4 |
जनाबाई (लेखकबाबा श्रीराघवदासजी) |
48 |
5 |
रबिया |
52 |
निवेदन
यह भक्तचरितमालाका दूसरा पुष्प है, इसमें भी पाँच भक्त देवियोंके उपदेशप्रद चरित्र हैं । इनमें शबरी और जनाबाईके चरित्र तो अन्य लेखकोंके लिखे हुए हैं, शेष मीराबाई, करमैतीबाई और रबियाके चरित्रोंमें पहला भक्तमाल आदि अनेक ग्रन्थों और स्वास जानकार लोगोंके द्वारा सुनी हुई बातोंके आधारपर, दूसरा भक्तमालके आधारपर और तीसरा एक बंगला पुस्तकके आधारसे लिखा गया है । पाठकपाठिका इन सब चरित्रोंसे लाभ उठावें यही प्रार्थना है ।
निबन्ध-सूची |
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शबरी (लेखकवैद्यवर पं० श्रीवृद्धिचन्द्रजी शर्मा) |
1 |
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मीराबाई |
17 |
3 |
करमैतीबाई |
41 |
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जनाबाई (लेखकबाबा श्रीराघवदासजी) |
48 |
5 |
रबिया |
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