
पुस्तक के विषय में
उपासना संध्या वंदन, पूजन आदि हमारे नित्यकर्म का अभिन्न अंग है | धर्मशास्त्रों की मान्यता है की नित्य संध्या वंदन आदि करने से पुण्य की उत्पति नही होती जबकि बिना किसी विशेष कारन के, जिनके निर्देश धर्म ग्रंथो में दिए गए है, इनका न किया जाना पाप को जन्म देता है | इस प्रकार संध्या वंदन और पूजन के बिना नित्यकर्म पूर्ण रूप से सार्थक नही होता | सनातन वैदिक धर्म में नित्य पंचदेवोपासना का विधान है | यह उपासना यदि समझ पूर्वक की जाए, तो इससे उन पंच महाभूतों का शोधन होता है जिनसे संपूर्ण ब्रह्मांड और हमारे शरीर का निर्माण हुआ है | इस शोधन क्रिया द्वारा जीव मनुष्यत्व और देवत्व को प्राप्त करता हुआ अंत में ब्रह्मरुप हो जाता है | यही विदेह मुक्ति है और परमपुरुषार्थ भी | इसी उपलब्धि से मनुष्य जीवन की सार्थकता है |
इस पुस्तक में पंचदेवोपासना के साथ ही उन सभी प्रमुख देवी देवताओं की पूजन विधि भी दी गयी है, जिनका पूजन विशेष अवसरों पर किया जाता है | पूजन विधि की प्रस्तुति सरल रूप से की गयी है ताकि इससे प्रत्येक व्यक्ति लाभ उठा सके |



























Item Code:
NZE508
Author:
सी. एम. श्रीवास्तव (C. M. Shrivastava)
Cover:
Paperback
Edition:
2014
Publisher:
Manoj Publications, Delhi
ISBN:
9788131003480
Language:
Sanskrit and Hindi
Size:
8.5 inch X 5.5 inch
Pages:
312 (10 B/W Illustrations)
Other Details:
Weight of the Book: 400 gms
Price: $16.00 Shipping Free |
- Ask a Question