
निवेदन
भक्तके हृदयमें भगवान् बसते हैं, भगवान्के हृदयमें भक्त। यह एक ऐसा योग है जिसमें वियोग होता ही नहीं, जिसमें भक्त और भगवान्का एकान्त मिलन निरन्तर होता ही रहता है। उद्धव ऐसे ही प्रेमी भक्त हैं और स्वयं भगवान्ने उन्हें 'प्रियतम' कहकर सम्बोधित किया है। उन्हीं महाभागवत परम प्रेमी उद्धवका चरित्र आपके हाथोंमें है। आपकेसुपरिचित लेखक पण्डित श्रीशान्तनुविहारीजी द्विवेदीने पूर्ण प्रीतिके साथ इसका प्रणयन किया है। आधार तो मुख्यत: श्रीमद्भागवत तथा गर्गसंहिताका है ही परन्तु उन्होंने अपनी सुन्दर एवं भावपूर्ण शैलीमें चरित्रका जो विन्यास-किया है वह पाठकोंको विशेष प्रीतिकर होगा ऐसा मेरा विश्वास है। पुस्तकके अन्तिम भागमें उद्धवके प्रति भगवान् श्रीकृष्णके उपदेश संकलित हैं जिसके कारण पुस्तककी उपयोगिता और भी बढ़ गयी है। आशा है यह पुस्तक पाठकोंको भगवत्प्रेमकी प्राप्तिमें सहायक सिद्ध होगी।

Item Code:
GPA306
Author:
Pt. Shri Shantanu Bihari Dwivedi (पं० श्रीशान्तनुविहारी द्विवेदी)
Cover:
Paperback
Edition:
2013
Publisher:
Gita Press, Gorakhpur
Language:
Hindi
Size:
8.0 inch X 5.5 inch
Pages:
48 ( 1 B/W illustrations)
Other Details:
Weight of the Book:50 gms
Price: Best Deal: Discounted: $3.00 Shipping Free |
- Ask a Question