| Specifications |
| Publisher: Rajkamal Prakashan | |
| Author: बलवन्त सिंह (Balwant Singh) | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 119 | |
| Cover: Paperback | |
| 8.5 inch X 5.5 inch | |
| Weight 120 gm | |
| Edition: 2004 | |
| ISBN: 8126709820 | |
| NZE852 |
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...मुल्क रोम, शहर कुस्तुनतुनिया, नौशेरबाँ जैसे इन्साफ और हातिम-जैसे दान-पुण्यवाला बादशाह आजाद बख़्त...जिसके समय में प्रजा आबाद, खजाना भरपूर ,सेना शांत और गरीब -गुरबा आनंद - मग्न... चार दरवेशों की इच्छा-पूर्ति बादशाह द्वारा और बादशाह की इच्छा -पूर्ति शहंशाओ के शहंशाह अल्लाहताला द्वारा ....
दूसरे शब्दों में, एक जमाने की चार अजीब और दिलचस्प दस्ताने... चार दरवेशों के अपने-अपने अनुभव और जिंदगी के सपने... कौतूहल, शौर्य, वीरता, उत्कंठा और अभिलाषाओं का जबरदस्त प्रदर्शन...धन -दौलत और ऐश की मिशाले....शहजादे-शहजादियाँ, सौदागर बच्चे, बाँदी, लौंडी, गुलाम, सैनिको की कारगुजारियां..गैबी ताकतों के करतब और बन्दों पर दया-दृष्टि...बेशुमार दौलत और बेपनाह खूबसूरती के चक्कर...हिम्मत और मर्दानगी की शानदार मिशाले ...कुदरती करिश्मे और इंसानी मुरादे.. यानी किस्सा चार दरवेश, जिसे सुविख्यात उपन्यासकार बलवंत सिंह द्वारा पुनर्रचित किया गया है |



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