| Specifications |
| Publisher: Balaji Publications Chennai | |
| Author: श्री निवासाचारी शिरोमणी (Sri Nivasachari Shiromani) | |
| Language: Telugu Text with Hindi Translation | |
| Pages: 175 | |
| Cover: Paperback | |
| 7.0 inch X 5.0 inch | |
| Weight 120 gm | |
| Edition: 2017 | |
| NZA771 |
| Delivery and Return Policies |
| Ships in 1-3 days | |
| Returns and Exchanges accepted within 7 days | |
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Wrapped in merely 175 pages, SRI NIVASACHARI SHIROMANI has framed this easy to understand and quick guide if you navigate Hindi and want to learn Telugu.
Recognised among the six classical (6)
languages of India, Telugu’s home are the southern states of Telangana and
Andhra Pradesh, and is now the fastest growing language in the United States
since ten (10) years. There is only a sense of addition in learning this rich
and euphonious language.
लेखक की प्रस्तावना
भारत को स्वतंत्र होने के बाद, जातीय एकता को आवश्यकता हमारे सामन खडी है । खासकर भाषाप्रयुक्त राष्ट्रों के अवतरण के पश्चात इम बात की चर्चा दिनौ दिन बढ रही है । कहीं कहीं प्रान्तीय भाषा को प्रसारित करने के यत्न में जातीय एकता की आफत की डिंडोरा भी पिटवा जा रहा है।अतःअपनी मातृभाषा के साथ अन्य भाषाओं का भी थोडा-बहुत परिचय प्राप्त करना ही इस कठिनाई की दर करने का एकमात्र उपाय माना गया है।
इस परम लक्ष्य को दृष्टिकोण में रखकर मद्रास के 'बालाजी पब्लिकेषन्स' नाम के प्रकाशका ने, केद्रिन्य सरकार से मानी हुई पंद्रह भाषाओं को आपसी माध्यम से पुस्तक प्रकाशन करने का संकल्प किया, जिसके फल-स्वरुप अब तक बीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुइ हैं। इस पुस्तक में क्रमश: अक्षर, वाक्य, व्याकरण और अभ्यास नाम के पांच विभाग हैं। इनको ध्यान से पढ़ने पर तेलुगु भाषा का काफ़ी परिचय हो जायगा।
|
विषय-सूची |
||
|
1 |
लिखने की रीति (चित्र) |
8 |
|
पहला-भाग (अक्षर) |
||
|
2 |
अक्षरों के बारे में |
10 |
|
3 |
स्वर |
11 |
|
4 |
व्यंजन |
12 |
|
5 |
सस्वर-यजन |
13 |
|
6 |
ठीक अक्षर पहचानिये |
14 |
|
7 |
स्वर के चिह्न |
15 |
|
8 |
बारह खडी |
17 |
|
9 |
संयुक्त-व्यंजन |
28 |
|
दूसरा-भाग (शब्द) |
||
|
10 |
दो अक्षरवाले शब्द |
30 |
|
11 |
तीन अक्षरवाले शब्द |
32 |
|
12 |
सर्वनाम |
33 |
|
13 |
क्रियायें |
33 |
|
14 |
शरीर के अंग |
36 |
|
15 |
स्थान |
38 |
|
16 |
समय |
40 |
|
17 |
दिनों के नाम |
41 |
|
18 |
ऋतु |
42 |
|
19 |
'तेलुगु महीने |
43 |
|
20 |
दिशाऐं |
45 |
|
21 |
घर की चीजें |
47 |
|
22 |
परिवार |
49 |
|
23 |
मन के भाव |
52 |
|
24 |
खाने की चीजें |
54 |
|
25 |
तरकारियाँ |
57 |
|
26 |
फल |
59 |
|
27 |
जानवर |
60 |
|
28 |
पक्षी |
63 |
|
29 |
शिक्षा |
65 |
|
30 |
डाक |
67 |
|
31 |
दस्तकारी |
69 |
|
32 |
पेशेवर |
71 |
|
33 |
संख्याएँ |
73 |
|
34 |
नाप |
77 |
|
35 |
रंग |
78 |
|
36 |
लोह |
79 |
|
तीसरा-भाग (वाक्य) |
||
|
37 |
दो शब्दवाले वाक्य |
80 |
|
38 |
तीन शब्दवाले वाक्य |
84 |
|
39 |
प्रश्नार्थक-शब्द |
89 |
|
40 |
प्रश्नार्थक-वाक्य |
91 |
|
41 |
प्ररणार्थक-शब्द |
93 |
|
42 |
घर के बारे में (बातचीत) |
95 |
|
43 |
सब्जी मंडी में |
97 |
|
44 |
मेवे की दूकान में |
99 |
|
45 |
एक विद्यार्थी के साथ बातचीत |
101 |
|
46 |
कुछ अच्छे आचरण |
105 |
|
चौथा-भाग (व्याकरण) |
||
|
47 |
कारक (विभक्तियाँ) |
107 |
|
48 |
सर्वनाम- और प्रयोग |
116 |
|
49 |
सर्वनाम और विभक्ति |
119 |
|
50 |
किया-विशेषण |
122 |
|
51 |
लिंग |
123 |
|
52 |
वचन |
125 |
|
53 |
विशेषण |
127 |
|
54 |
किया और काल |
129 |
|
55 |
निषेधवाचक |
132 |
|
56 |
'तमरु' शब्द का प्रयोग |
133 |
|
57 |
कुछ वाक्य |
134 |
|
58 |
'वाडु' शब्द का प्रयोग |
135 |
|
59 |
कर्तरि-प्रयोग, कर्मणि-प्रयोग |
136 |
|
60 |
प्रयोग कें उदाहरण |
137 |
|
61 |
तरह तरह के वाक्य |
138 |
|
पाँचवाँ-भाग (अभ्यास) |
||
|
62 |
लेख |
140 |
|
63 |
कथायें |
142 |
|
64 |
पत्रलेखन |
147 |
|
65 |
उत्तर और दक्षिण |
149 |
|
66 |
आंध्रप्रदेश |
154 |
|
67 |
अकारादि शब्द |
156 |
|
68 |
राष्ट्रिय गीत |
160 |








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