Easy Returns
Easy Returns
Return within 7 days of
order delivery.See T&Cs
1M+ Customers
1M+ Customers
Serving more than a
million customers worldwide.
25+ Years in Business
25+ Years in Business
A trustworthy name in Indian
art, fashion and literature.

चीनी दर्शन का संक्षिप्त इतिहास- A Brief History of Chinese Philosophy

$22.27
$33
10% + 25% off
Includes any tariffs and taxes
Specifications
Publisher: SETU PRAKASHAN PVT LTD, NOIDA
Author Fung Yu Lan
Language: Hindi
Pages: 534
Cover: PAPERBACK
8x5 inch
Weight 480 gm
Edition: 2025
ISBN: 9789362019349
HBP130
Delivery and Return Policies
Usually ships in 7 days
Returns and Exchanges accepted within 7 days
Free Delivery
Easy Returns
Easy Returns
Return within 7 days of
order delivery.See T&Cs
1M+ Customers
1M+ Customers
Serving more than a
million customers worldwide.
25+ Years in Business
25+ Years in Business
A trustworthy name in Indian
art, fashion and literature.
Book Description
पुस्तक परिचय
चीन के बारे में बहुत सारी पुस्तकें उपलब्ध होने के बावजूद हमारे पास उस देश के दर्शन के बारे में बहुत कम प्रामाणिक जानकारी है। प्रस्तुत पुस्तक निश्चय ही ऐसी पहली पुस्तक है जिसमें सही अर्थों में कनफ्यूशियस से शुरू होकर मौजूदा दौर के दार्शनिकों को लेते हुए चीनी चिन्तन का व्यापक और सुव्यवस्थित विवरण पेश किया गया है। इसके लेखक एक चीनी विद्वान हैं जिन्हें आमतौर पर उनके देश में इस विषय का अत्यन्त योग्य व्यक्ति समझा जाता है। इस पुस्तक की खास बात यह है कि यह पुस्तक विदेशी पाठकों को ध्यान में रखकर लिखी गयी है और इस वजह से विषय वस्तु को प्रस्तुत करने की इसकी शैली उस शैली से भिन्न है जिसका प्रयोग चीनी पाठकों के लिए किया जाता है। यह पुस्तक चीनी विचार पद्धति की दो प्रमुख धाराओं कनफ्यूशियसवाद और ताओवाद के बारे में जानकारी तो देती ही है साथ ही यह भी बताती है कि इन दोनों विचार पद्धतियों का विकास कैसे हुआ और इतिहास के किस कालखण्ड में इनका सबसे ज्यादा प्रभाव था। ईसा पूर्व पाँचवीं से तीसरी शताब्दी के बीच परस्पर प्रतिस्पर्धी अन्य विचार पद्धतियों में से ये महज दो थीं जो टिकी रह सकीं। उस अवधि के दौरान इतने सारे मतों का अस्तित्व था कि चीनी लोगों ने इसका उल्लेख 'सौ विचार शाखाओं' के रूप में किया है। चीन में दार्शनिक विचारधारा का विकास निजी तौर पर अध्यापन के जरिये हुआ। चीन के इतिहास में कनफ्यूशियस पहले ऐसे शिक्षक थे जिनके छात्रों की संख्या हजारों में थी और उनमें से कई सौ प्रसिद्ध विचारक और विद्वान बने। भारतीय पाठकों के लिए यह पुस्तक इसलिए भी बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसमें बताया गया है कि कैसे चीन में बौद्ध धर्म की शुरुआत इतिहास की महानतम घटनाओं में से एक थी और कैसे इसने खासतौर पर धर्म, दर्शन, कला और साहित्य को प्रभावित किया। हिन्दी के पाठकों के लिए चीनी दर्शन की विकास यात्रा को समझने में यह पुस्तक महत्त्वपूर्ण योगदान कर सकती है।

लेखक परिचय
फङ यओ-लान का जन्म चीन के हेनान प्रान्त के हेटांग काउण्टी में साल 1895 में हुआ। वे आधुनिक चीनी दर्शन के एक महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उन्हें दर्शन के क्षेत्र में गहन अन्तर्दृष्टि और बौद्धिक योगदान के लिए जाना जाता है। उनकी शिक्षा-दीक्षा पारम्परिक तौर पर चीन में ही हुई, लेकिन अमेरिका में अध्ययन के दौरान फङ के बौद्धिक दायरे का काफी विस्तार हुआ। वहीं पर उन्होंने पश्चिमी दर्शन को जाना-समझा। चीन लौटने के बाद उन्होंने पेकिंग और शिंघुआ विश्वविद्यालयों में अहम जिम्मेदारियाँ सँभालीं। जापान-विरोधी युद्ध के उथल-पुथल भरे दौर के बीच दार्शनिक जगत में उन्होंने काफी योगदान दिया। चीनी दार्शनिक इतिहास पर उन्होंने तीन प्रभावशाली किताबें लिखी हैं, जो उनका बेहद मौलिक काम है-'ए हिस्ट्री ऑफ चाइनीज फिलॉसफी', 'ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ़ चाइनीज फिलॉसफी' और 'ए न्यू हिस्ट्री ऑफ चाइनीज फिलॉसफी'। इन किताबों ने चीन के अन्दर और पूरी दुनिया में चीनी विचार और दर्शन के अध्ययन को एक नया मकाम दिया। इसके अलावा, आधुनिक चीनी दर्शन पर 'न्यू कनफ्यूशियनिज्म' और 'ऑन न्यू थिंग्स' जैसी छह खण्डों में लिखी गयी किताबों के जरिये अपने दौर में उन्होंने दार्शनिक के तौर पर अपनी प्रतिष्ठा में काफी इजाफा किया। पूर्वी और पश्चिमी दार्शनिक परम्पराओं को जोड़ने की फङ की अनूठी काबिलियत ने उन्हें पश्चिमी अकादमिक जगत में पहले कद्दावर आधुनिक चीनी दार्शनिक के रूप में पहचान दिलायी। 'ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ चाइनीज फिलॉस-फी' उनका एक महत्त्वपूर्ण काम है, जो मूल रूप से 1948 में अँग्रेजी में प्रकाशित हुआ। यह चीनी दार्शनिक विचार के विकास पर सुस्पष्ट और गहन दृष्टिकोण पेश करता है और आज भी स्कॉलर और छात्रों के लिए यह बेहद महत्त्वपूर्ण पाठ बना हुआ है।फङ का निधन 1990 में हुआ।p>
लेखक की भूमिका
किसी विषय का संक्षिप्त इतिहास महज बड़े का संक्षिप्तीकरण नहीं होना चाहिए। इसमें केवल नामों और 'वादों' की सूची देने के बजाय पूरी तस्वीर दी जानी चाहिए। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, जैसा कि एक चीनी कहावत में कहा गया है लेखक के 'दिमाग में समूचा इतिहास' होना चाहिए। ऐसी हालत में ही वह पाठक को अपने सीमित क्षेत्र में पर्याप्त और समग्र विवरण दे सकता है। चीनी इतिहास लेखन के अनुसार एक अच्छे इतिहासकार के पास व्यापक ज्ञान होना चाहिए ताकि वह सभी सामग्रियों का निरूपण कर सके, उनमें से उचित का चयन करने का निर्णय ले सके और साथ ही उसके अन्दर वह साहित्यिक प्रतिभा होनी चाहिए जिससे वह अपनी कहानी को दिलचस्प तरीके से पाठकों के सामने ले जा सके। आम जनता को ध्यान में रखकर लिखे गये संक्षिप्त इतिहास में प्रायः लेखक के पास अपनी विद्वत्ता का प्रदर्शन करने का अवसर कम होता है लेकिन वह एक बड़ी और विद्वत्तापूर्ण पुस्तक लिखने की तुलना में यहाँ अपने चयनात्मक निर्णय और साहित्यिक प्रतिभा का भरपूर इस्तेमाल कर सकता है।

Frequently Asked Questions
  • Q. What locations do you deliver to ?
    A. Exotic India delivers orders to all countries having diplomatic relations with India.
  • Q. Do you offer free shipping ?
    A. Exotic India offers free shipping on all orders of value of $30 USD or more.
  • Q. Can I return the book?
    A. All returns must be postmarked within seven (7) days of the delivery date. All returned items must be in new and unused condition, with all original tags and labels attached. To know more please view our return policy
  • Q. Do you offer express shipping ?
    A. Yes, we do have a chargeable express shipping facility available. You can select express shipping while checking out on the website.
  • Q. I accidentally entered wrong delivery address, can I change the address ?
    A. Delivery addresses can only be changed only incase the order has not been shipped yet. Incase of an address change, you can reach us at help@exoticindia.com
  • Q. How do I track my order ?
    A. You can track your orders simply entering your order number through here or through your past orders if you are signed in on the website.
  • Q. How can I cancel an order ?
    A. An order can only be cancelled if it has not been shipped. To cancel an order, kindly reach out to us through help@exoticindia.com.
Add a review
Have A Question
By continuing, I agree to the Terms of Use and Privacy Policy
Book Categories