बगैर किसी कुशल मार्गदर्शन के देश की सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण संघ लोक सेवा आयोग (सिविल सेवा) परीक्षा पास करना बेहद कठिन है। हर वर्ष लाखों युवा यह परीक्षा देते हैं। बहुत से तो कड़ी मेहनत के बावजूद प्रारंभिक परीक्षा की पहली सीढ़ी भी पार नहीं कर पाते। वजह होती है-सही मार्गदर्शन न मिल पाना। यू.पी.एस.सी. सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं की इस मुश्किल को आसान बनाने के लिए एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के युवा अधिकारी ने यह पुस्तक तैयार की है, जिसमें उनके व कई अन्य सफल अभ्यार्थियों के अनुभवों भी शामिल किया है। यूपीएससी में किस आधार पर वैकल्पिक विषय चुनना चाहिए, तैयारी कितने घंटे और कैसे करना चाहिए, इंटरव्यू में कैसे सफलता मिल सकती है, हिंदी माध्यम के उम्मीदवार कैसे सफलता पा सकते हैं? ऐसे ही कई प्रश्नों के उत्तर सहज रूप से इस पुस्तक में सम्मलित किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के मेरठ के मूल निवासी निशान्त जैन वर्ष 2014-15 की संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में हिंदी माध्यम से अव्वल रहे थे। वरीयता सूची में उनका 13वाँ स्थान था। श्री जैन एक प्रशासनिक अधिकारी की व्यस्त जिम्मेदारी के बावजूद हिंदी में खूब लिखते हैं और उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। उनकी शोधपरक पुस्तक 'राजभाषा के रूप में हिंदी' रा.पु. न्यास ने प्रकाशित की है। उनका बाल कविता संकलन 'शादी बंदर मामा की' मोटिवेशनल पुस्तक 'रुक जाना नहीं' भी बहुत चर्चित हैं। संप्रति राजस्थान में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी
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