| Specifications |
| Publisher: Motilal Banarsidass Publishing House, Delhi | |
| Author Aniket Gupta | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 158 | |
| Cover: PAPERBACK | |
| 9x6 inch | |
| Weight 210 gm | |
| Edition: 2024 | |
| ISBN: 9789359660967 | |
| HBA504 |
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आजकल समाचार पत्रों से लेकर इलैक्ट्रिोनिक और सोशल मीडिया तक सम्पूर्ण विश्व में डॉग लवर्स और हेटर्स के मध्य एक युद्ध सा दिखता है। भारतीय ज्योतिष कुत्तों के संबंध में शांत सा है। लेकिन हमारे ज्योतिष ने कुछ सुराग जरूर छोड़ रखे थे जिन्हें पिरोना अत्यंत आवश्यक प्रतीत हुआ और तब पाश्चात्य मनोविज्ञान, रामायण, महाभारत और लाल किताब का अध्ययन करने के बाद एक विस्तृत शोध सामने आया। कुत्ता प्रेमी या कुत्ता विद्वेशी लोगों की वैदिक कुंडली में ग्रहों के समन्वय में झांकते हुए ऐसे संबंध उजागर हुए जो कुत्ता पालने से मजबूत होते कुछ ग्रहों के कुत्ता पालक के ऊपर तथा उसके जीवन के महत्वपूर्ण पहलूओं पर सकारात्मक तथा नकारात्मक प्रभावों तक विस्तृत होता चला गया। इस शोध में आपको वो मिलेगा जिसको आप महसूस तो करते थे लेकिन व्याख्या करने में असमर्थ थे, क्योंकि यह आपको बताता है कि आपको कुत्ता पालना चाहिए या नहीं वो भी आपकी कुंडली के अनुसार।
गत कुछ वर्षों से हमारे देश ही नहीं सम्पूर्ण जगत में श्वान प्रेमी (डॉग लवर्स) तथा श्वान विद्वेषी (डोग हेटर्स) व्यक्तियों में घोषित व अघोषित जंग शुरू हो चुकी है। इससे पहले से ही समस्यापूर्ण घर-परिवारों और समाज में विघटन बढ़ता जा रहा है जो किसी भी देश और समाज में बहुत चिंता का विषय है। समाजशास्त्री अथवा राजनीतिज्ञ असहाय से दिख रहे हैं। आज के इंफारमेशन टेक्निोलाजी और यू-ट्यूब के युग में कई विडियो आपके मोबाइल फोन में तैरते रहते हैं जो विभिन्न तर्क-कुतर्क पैदा करके व्यक्तियों में संशय फैला रहे हैं। एक तरफ कुत्ते प्रेमी केवल मानव मनोविज्ञान का सहारा लेते हैं वहीं कुत्तों से नफरत करने वाले केवल धर्म और अपूर्ण ज्योतिषीय ज्ञान का प्रदर्शन करते हैं। कुत्तों के लिए वास्तु-शास्त्र का दोनों पक्ष अपने हिसाब से तोड़-मरोड़ करते हैं
ज्योतिष विज्ञान में शुभ ग्रहों को मजबूत करने के लिए विभिन्न उपाय तथा टोटके बताए गये हैं। जिसमें सबसे ज्यादा प्रचलित विभिन्न रत्नों (जैसे पुखराज, पन्ना, नीलम, मोती तथा मूंगा वगैहरा) के प्रयोग करना तथा गाय को हरी घास तथा कुत्तों को रोटी खिलाना प्रमुख है। अतः यह प्रमाण है कि ज्योतिषीय विद्वान कुत्तों के ग्रहों पर प्रभाव को मानते हैं।
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