गांधीजी के विचारों का प्रसार ना केवल राजनैतिक बल्कि सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। विविध विषयों पर उनके मौलिक विचार हमें हिन्द स्वराज, अफ्रीका में सत्याग्रह, उनकी आत्मकथा सत्य के साथ मेरे प्रयोग और उनके अनेकानेक लेखों, साक्षात्कारों और व्याख्यानों में मिलते हैं और ये ही विचार गांधीवाद के मुख्य आधार हैं।
स्वराज संस्थान संचालनालय एवं धर्मपाल शोधपीठ के संयुक्त तत्वावधान में भोपाल में दिनांक 28-29 सितम्बर 2019 को इस विषय पर एक राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया था, जिसमे देश के विभिन्न भागों से आये इतिहास के विद्वानों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये। प्रस्तुत पुस्तक में इसी संगोष्ठी में प्रस्तुत कुछ चुनिंदा पत्रों का संपादन कर प्रकाशन किया जा रहा है।
यह विचार एवं विश्लेषण का विषय है कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में गांधीजी के विचार एवं उनके अनुप्रयोग, विकराल होती समस्याओं से मुक्ति की दिशा में किस प्रकार सहायक सिद्ध हो सकते हैं। आशा है यह प्रकाशन इस दिशा में कुछ आवश्यक बिंदु उपलब्ध कराने में उपयोगी सिद्ध होगा।
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