भारत प्राचीन काल से दुनिया के अग्रणी राष्ट्रों में रहा है। अपने ज्ञान-विज्ञान, तकनीक, गणित, चिकित्सा, रसायन विज्ञान में भारत प्राचीन काल से ही शीर्ष पर रहा है। गणित जैसे गूढ़विषय में भी भारत को भास्कराचार्य, आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त और महावीराचार्य जैसे प्राचीन मनीषियों को जन्म देने का श्रेय है। विश्व को शून्य और दशमलव का ज्ञान भारतीयों की ही देन है।
भास्कराचार्य ने सिद्धान्त-शिरोमणि नामक ग्रंथ की रचना की। इसके चार भाग हैं- लीलावती, बीजगणित, गोलाध्याय और ग्रह गणित। लीलावती में अंकगणित तथा क्षेत्रगणित, बीजगणित में बीजगणित, गोलाध्याय में खगोल गणित तथा ग्रह गणित में ग्रहों से सम्बन्धित गणित का वर्णन है। उनकी दूसरी पुस्तक करण कुतूहल में पंचांग निर्माण के तरीके बताए गये हैं। भास्कराचार्य की तत्कालीन लीलावती व बीजगणित आज भी अपने पैमाने पर खरी उतर रही है।
महावीराचार्य ने गणित सार संग्रह नामक पुस्तक की रचना की। इस ग्रंथ में 9 अध्यायों में रेखा, समय, धान्य, सोना-चाँदी, भूमि आदि को मापने के पैमाने दिये गये हैं। भिन्न के बारे में महावीराचार्य ने अपनी पुस्तक में काफी प्रश्न दिया है। रेखागणित के विभिन्न नियमों की जानकारी भी इस पुस्तक में है।
आर्यभट्ट ने आर्यभटीय नामक कृति की रचना की। यह भारतीय गणित-ज्योतिष का पहला पौरुषेय ग्रन्थ है। रेखागणित, त्रिकोणमिति का विशद वर्णन इस ग्रंथ में है। वृत्त की परिधि और व्यास ज्ञात करने का सरल सूत्र आर्यभट्ट ने ही दिया था। पाई का निकटतम मान भी आर्यभट्ट ने निकाला था। बीजगणित के अनिर्धारित समीकरणों को हल करने की विधि भी आर्यभट्ट ने अपनी पुस्तक में दिया है।
ब्रह्मगुप्त ने आर्यभट्ट की परम्परा को आगे बढ़ाया। बीजगणित के क्षेत्र में ब्रह्मगुप्त ने बहुत कार्य किया। ब्रह्मगुप्त ने ब्राह्मस्फुट सिद्धांत और खण्ड खाद्यक ग्रंथों की रचना की। गणित और ज्योतिष पर इनकी टिप्पणियाँ महत्त्वपूर्ण हैं। बीजगणित में शून्य का उपयोग करने वाले ये पहले गणितज्ञ हैं। इनकी बीजगणित की गवेषणाएँ विशेष महत्त्व की हैं।
अपने 32 वर्ष के अल्प काल के जीवन में भारतीय गणित को दुनिया के सर्वोच्च शिखर पर प्रतिष्ठित करने वालों में श्रीनिवास रामानुजम का स्थान सर्वोपरि है। थ्योरी ऑफ नम्बर्स पर रामानुजम ने मुख्यतया कार्य किया। इनके बनाए कितने प्रमेय अभी भी अनसुलझे हैं, जिन पर दुनिया भर में शोध जारी है।
भारत ने दुनिया के महान गणितज्ञों को जन्म दिया है जिनका आज भी पूरी दुनिया लोहा मानती है। प्रस्तुत पुस्तक में इन्हीं गणितज्ञों के बारे में जानकारी दी गयी है जो आपको इनके बारे में काफी जानकारी प्रदान करते हुए आपकी जिज्ञासा को शांत करेगी।
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