गुरु नानक बचपन से ही अलौकिक व्यक्तित्व के स्वामी थे। उनका जन्म एक ऐसे समाज में हुआ था जो रुढ़िवाद और कर्मकांड में जकड़ा हुआ था। उस समय बाल विवाह, शिशु हत्या और कठोर जाति प्रथा आम बात थी। ऐसे अंधकार सरीखे युग में नानक मानो चमकते सूरज की तरह प्रकट हुए। उनकी आस्था का विकास उस सर्वव्याप्त, एक ईश्वर, सच्चे प्रेम, समानता और करुणा के विश्वव्यापी संदेश में हुआ जिसने हिंदुओं और मुसलमानों को समान रूप से आकर्षित किया।
कथाओं में वर्णित आख्यानों और उनके यात्ना-विवरणों पर आधारित पुस्तक गुरु नानक उन्हें हरसंभव ऐतिहासिक खांचों में रखते हुए नानक के जीवन की मुख्य घटनाओं की पड़ताल करती है। यह उनके संदेशों पर नया प्रकाश डालती है, जिसमें उनके कुछ दोहों के अनुवाद को भी शामिल किया गया है-जो दुनिया भर में आज भी लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
नवतेज सरना एक राजनयिक और लेखक हैं। साल 1980 से भारतीय विदेश सेवा के सदस्य रहे हैं। उन्होंने विभिन्न राजनयिक क्षमताओं में मास्को, वारसों, थिम्पू, जिनेवा, तेहरान और वाशिंगटन डीसी में अपनी सेवाएं दी हैं। भारत के सबसे लंबे समय तक आधिकारिक विदेश प्रवक्ता होने का भी गौरव उन्हें हासिल है।
वह इजरायल में भारत के राजदूत रहे और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत के राजदूत बनने से पहले ब्रिटेन के हाई कमिश्नर रह चुके हैं। उनकी पुस्तकों में उपन्यास जैसे ""वी आर नॉट लवर्स लाइक दैट"" और ""द एक्साइल', कथेतर रचनाओं में फोक टेल्स ऑफ़ पोलैंड एंड सेकंड थॉट, लघु कहानी संग्रह, विंटर इवनिंग्स और दो अनुवाद की किताबें, ज़फ़रनामा (गुरु गोबिन्द सिंह) सेवेज हार्वेस्ट (मोहिंदर सिंह सरना) शामिल है।
उनकी लघु कहानियां बीबीसी वर्ल्ड सर्विस से प्रसारित हुई हैं, और वह नियमित रूप से इंडिया टुडे और आउटलुक जैसी पत्निकाओं समेत टाइम्स लिटरेरी सप्लिमेंट, द हिंदू आदि अख़बारों में भी लिखते रहे हैं।
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