पुस्तक परिचय
हमारे राष्ट्रपिता हिंदी के वरिष्ठ एवं प्रख्यात कवि-लेखक गोपालप्रसाद व्यास जी ने गांधी जी के विस्तृत जीवन, कार्य और साहित्य में से आज की युवा पीढ़ी के लिए सार रूप सामग्री चुन कर प्रस्तुत पुस्तक में देने की चेष्टा की है। उनकी यही कोशिश रही है कि संक्षेप में गांधी जीवन और दर्शन की अपने देशवासियों के बीच इस प्रकार चर्चा हो जाये कि औसत पाठक इसे रुचि के साथ पढ़ सके और एक ही स्थान पर उसे युगपुरुष के संबंध में समस्त आवश्यक जानकारी प्राप्त हो जाये। यशस्वी लेखक का ऐसा मानना है कि आज की पीढ़ी गांधी जी के महत्त्व को अभी तक ठीक से समझ भी नहीं सकी है, और यह भी उतना ही सत्य है कि गांधी जी हमारे इतने निकट रहे हैं कि उनको अपने से अलग करके सोच सकने की सामर्थ्य कम-से-कम इस पीढ़ी के हिंदुस्तानी में तो नहीं है। आज तो बस उनके गुण-गौरव की कृतज्ञ स्वर में विनत गाथा ही गाई जा सकती है और वही लेखक ने अपनी यथासामर्थ्य इस पुस्तक में किया भी है। श्रद्धेय श्री पुरुषोत्तमदास टंडन जी के शब्दों में, "श्री व्यास जी ने इस पुस्तक में संक्षेप में प्रातःस्मरणीय महात्मा गांधी की जीवन-झांकियां चित्रित की हैं। उनके व्यक्तित्व तथा कार्यों का दिग्दर्शन रोचक रीति से कराया है। गांधी जी की भावनाओं के संबंध में जानकारी फैलाने के लिए यह स्तक मुझे उपयोगी लगी है। मेरा जी चाहता है कि इसे दी-भाषी जनता ध्यान से पढ़े।"
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