लेखक परिचय
कृष्णविहारी मिश्र: जन्म: । जुलाई, 1936, बलिहार, बलिया (उ.प्र.)
शिक्षा: एम.ए. (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) एवं पीएच.डी. (कलकत्ता विश्वविद्यालय)। कृष्णविहारी मिश्र 1996 में बंगवासी मार्निंग कॉलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त । देश-विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, शिक्षण-संस्थानों के सारस्वत प्रसंगों में सक्रिय भूमिका। प्रमुख कृतियाँ : हिन्दी पत्रकारिता: जातीय चेतना और खड़ी बोली साहित्य की निर्माण-भूमि, पत्रकारिता : इतिहास और प्रश्न, हिन्दी पत्रकारिता: जातीय अस्मिता की जागरण-भूमिका, गणेशशंकर विद्यार्थी, हिन्दी पत्रकारिता : राजस्थानी आयोजन की कृती भूमिका (पत्रकारिता); अराजक उल्लास, बेहया का जंगल, मकान उठ रहे हैं, आँगन की तलाश, गौरैया ससुराल गयी (ललित निबन्ध); आस्था और मूल्यों का संक्रमण, आलोक पन्था, सम्बुद्धि, परम्परा का पुरुषार्थ, माटी महिमा का सनातन राग (विचारप्रधान निवन्ध); नेह के नाते अनेक (संस्मरण); कल्पतरु की उत्सव लीला और न मेघया (परमहंस रामकृष्णदेव के लीला-प्रसंग पर केन्द्रित)। अनेक कृतियों का सम्पादन; भगवान बुद्ध (यूनू की अंग्रेज़ी पुस्तक का अनुवाद)। 'माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय' द्वारा डी.लिट. की मानद उपाधि । 'उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान' के 'साहित्य भूषण पुरस्कार', 'कल्पतरु की उत्सव लीला' हेतु भारतीय ज्ञानपीठ के 'मूर्तिदेवी पुरस्कार' से सम्मानित ।
पुस्तक परिचय
हिन्दी पत्रकारिता
हिन्दी पत्रकारिता के मर्मज्ञ अध्येता और प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ. कृष्णबिहारी मित्र की यह कृति हिन्दी पत्रकारिता विशेष रूप से प्रारम्भिक हिन्दी पत्रकारिता के इतिहास और उसकी मूल चेतना को पूरी प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत करती है। दरअसल, कलकत्ता को केन्द्र-विन्दु मानकर सम्पूर्ण हिन्दी पत्रकारिता का सार्थक विवेचन और उसकी विकास-कथा अपनी पूरी समग्रता के साथ इस पुस्तक में है। भाषा और साहित्य के साथ ही इतिहास-बोध और सांस्कृतिक समझ के विकास में हिन्दी पत्रकारिता की अप्रतिम भूमिका को भी कृष्णबिहारी जी ने अपने इस गम्भीर अनुशीलन में उजागर किया है। कहना असंगत न होगा कि कृष्णविहारी मिश्र के सामने पत्रकारिता के अनुशीलन की दिशाएँ साफ़ थीं, शायद इसी कारण उनकी इस कृति के माध्यम से हिन्दी पत्रकारिता सम्बन्धी उन तमाम भ्रान्त धारणाओं का निरसन हो गया है, जो पूर्ववर्ती अध्ययनों की सीमा थीं।... प्रस्तुत है-अपने विषय-क्षेत्र की इस बहुप्रशंसित अद्वितीय कृति का नवीन संस्करण-विशेष रूप से सुधी अध्येताओं और हिन्दी पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए।
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