मानव-समाज में चार प्रकार के लोग पाए जाते हैं। इनको चार नामों से स्मरण किया जाता है। ये नाम हैं- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। यह बंटवारा कृत्रिम नहीं। इस बंटवारे का आधार मानव-स्वभाव है।
ब्राह्मण का स्वभाव है शान्त चित्त, नियंत्रित मन और इन्द्रियां, शरीर, मन और वचन की पवित्रता, उद्देश्य की पूति के लिए लगन, क्षमा-भाव, स्वभाव की सरलता, आस्तिक बुद्धि और उन-विज्ञान में रुचि ।
क्षत्रिय का स्वभाव है शूरवीरता, तेज अर्थात् बल, धैर्य, चातुर्य अर्थात् कार्यसिद्धि में कुशलता, युद्ध में साहस, दान और परमात्मा में भरोसा ।
वैश्य के स्वभाव हैं खेती-बाड़ी करना, गौ-रक्षा, व्यापार इत्यादि धनोपार्जन के कार्य।
अन्त में शूद्र के कार्य हैं दूसरों की सेवा करना अर्थात् दूसरों का कामकर अपना निर्वाह करना।
एक व्यवस्थित समाज में ये चार प्रकार का स्वभाव रखनेवाले लोग ही होते हैं। इनके ये स्वभाव इनमें जन्म से आते हैं अथवा जन्म के उपरान्त शिक्षा-दीक्षा से उनमें उत्पन्न होते हैं? कुछ अधिक विचारणीय नहीं। विचार की बात यह है कि इन चार स्वभावों के लोग ही मानव-समाज में रहते हैं और इनके रहने से ही समाज पूर्ण होता है।
समाज के रूप की कल्पना वेदों में इसी प्रकार की है। ब्राह्मण समाज का मस्तिष्क है। क्षत्रिय समाज की बांहें हैं। वैश्य उदर अर्थात् समाज का मुख से लेकर पूर्ण पाचन इत्यादि करने वाला भाग और शूद्र समाज के पांव हैं।
जैसे एक शरीर इन चारों प्रकार के अंगों को रखने से पूर्ण होता है। यदि कोई एक अंग भी न रहे तो शरीर पूर्ण नहीं रहता। यही अवस्था मानव-सभाज की है।
इसी विचार को लेकर 'जागृति' उपन्यास की रचना की गई है। जाट क्षत्रिय वंशोत्पन्न क्षत्रिय स्वभाव और कर्म वाली जाति है, परन्तु वह पूर्ण समाज नहीं। समाज की पूर्णता तो चारों प्रकार के व्यक्तियों के एक स्थान पर एकलित हो एकमय होकर काम करने से ही होती है। यही बात इस कहानी का तत्त्व है। शेष तो उपन्यास है। पात्न, स्थान और घटनाएं काल्पनिक हैं।
Hindu (हिंदू धर्म) (13447)
Tantra (तन्त्र) (1004)
Vedas (वेद) (715)
Ayurveda (आयुर्वेद) (2074)
Chaukhamba | चौखंबा (3189)
Jyotish (ज्योतिष) (1544)
Yoga (योग) (1154)
Ramayana (रामायण) (1336)
Gita Press (गीता प्रेस) (726)
Sahitya (साहित्य) (24553)
History (इतिहास) (8927)
Philosophy (दर्शन) (3592)
Santvani (सन्त वाणी) (2621)
Vedanta (वेदांत) (117)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist