आधुनिक युग में बश्यालय एवं सूना विज्ञान एक तकनीकी और विकसित विज्ञान के रूप में स्थापित हो चुका है। इस प्रचलित ज्ञान की वाला में अंबेजी भाषा में असंख्य उपयोगी बन्य उपलब्ध है, किन्तु हिन्दी भाषा में अच्छी पुस्तकों का नितान्त अभाव है। चूंकि हिन्दी इन दिनों जान-विज्ञान के प्रसार का ससक्त माध्यम बनती जा रही है इसलिए ऐसे बन्यों की आवश्यकता है. जो हिन्दी भाषा के माध्यम से ग्रन्थालय एवं सूचना विज्ञान की संकल्पनाओं को अच्छी तरह व्यक्त कर सकें।
'धन्यालय एवं सूचना विज्ञान का पारिभाषिक कोश' हिन्दी में अपनी तरह का प्रथम प्रयास है। इसे तैयार करने का मुख्य उद्देश्य हिन्दी भाषी पुस्तकालय विज्ञान के छात्रों, सामान्य पाठकों एवं ग्रन्थालय कर्मचारियों की सामान्य कठिनाइयों को दूर करना है। हमने उन आधारभूत परिभाषाओं को प्रस्तुत करना उचित समझा है जिनका प्रयोग ग्रन्थालय एवं सूचना विज्ञान विषयक चर्चाओं में प्रायः होता है। हमारा यह प्रयास रहा है कि ग्रन्थालय एवं सूचना विज्ञान के विविध पहलुओं पर संक्षिप्त सामग्री सरल एवं रोचक हिन्दी भाषा में एक ही स्थान पर उपलब्ध हो जाये ।
प्रस्तुत कोश में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान की विविध शाखाओं से सम्बन्धित लगभग 950 पदों या शब्दों की परिभाषाएँ या टिप्पणियाँ दी गयी है। इसको तैयार करने में हिन्दी में उपलब्ध कुछेक ग्रन्थों तथा अंग्रेजी में उपलब्ध परिभाषा कोशों तथा ग्रन्थालय विज्ञान की अन्य मानक कृतियों से सहायता ली गयी है। यह प्रयास रहा है कि ऐसी संक्षिप्त परिभाषाएँ दी जायें जिनमें यथासंभव सरल भाषा में संकल्पनाओं के सभी आवश्यक तत्वों का समावेश हो जाये। कोश की मुख्य प्रविष्टियाँ हिन्दी में दी गयी हैं, साथ में समानार्थक अंग्रेजी शब्दों को कोष्ठक में दिया गया है। यद्यपि अनेक अंग्रेजी शब्दों के हिन्दी पर्याय अभी बने भी नहीं हैं या प्रचलित नहीं हुए हैं। अतएव हमने पारिभाषिक शब्दों के लिए उन पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग किया है, जो बोधगम्य और सटीक हैं। मुख्य प्रविष्टियों में यह घ्यान रखा गया है कि प्रत्येक शब्द का संक्षिप्त किन्तु पूर्ण विवेचन हो । पाठकों की सुविधा के लिए पुस्तक के अन्त में अंग्रेजी-हिन्दी पर्यायों की एक सूची दी गयी है, जो मुख्य प्रविष्टियों के लिए संदर्भ का भी कार्य करती है।
वस्तुतः हिन्दी में 'ग्रन्थालय एवं सूचना विज्ञान का पारिभाषिक कोश' के निर्माण का कार्य हमें आकर्षक और चुनौतीपूर्ण लगा। इसे हमने अपनी कल्पना के अनुरूप विशेष रूप से उपयोगी बनाने का प्रयत्न किया है। हालाँकि इसकी सफलता का मूल्यांकन विज्ञ पाठकों के हाथ में है। प्रस्तुता आकार के पारिभाषिक कोश की अपनी सीमाएँ होती हैं, विद्वानों से निवेदन है कि वे विभिन्न प्रविष्टियों को अपनी-अपनी विशेषता के आधार पर न परखें, बल्कि सामान्य ज्ञान की आवश्यकताओं के अनुरूप विविध विषयों की प्रविष्टियों का मूल्यांकन करें ।
केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान, सारनाथ के निदेशक एवं सुप्रसिद्ध तत्व चिन्तक प्रो० समदोंग रिनपोछे के हम कृतज्ञ हैं, जिन्होंने अपना अमूल्य समय देकर प्रस्तुत ग्रन्थ की अनुशंसा लिखी। हम उन सभी लेखकों, संकलनकर्ताओं तथा प्रकाशकों के कृतज्ञ हैं जिनके पुस्तकों की इस ग्रन्थ के निर्माण में सहायता ली गयी है। कोश के प्रस्तुति काल में हमें जिन गुरुजनों से इस कार्य को सम्पन्न करने में आर्शीर्वाद और प्रोत्साहन मिला, उनके प्रति हम नतमस्तक आभार स्वीकार करते है। हम अपने उन मित्रों एवं सहमियों के प्रति भी आभार प्रकट करते हैं जिनसे हमें इस कार्य में प्रोत्साहन एवं अमूल्य सुझाव मिलते रहे ।
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