पुस्तक परिचय
यह पुस्तक हिमालय की रियासतों में राजाओं के शासन प्रबंध, कुटनीति. राजनीति और जनता के साथ उनके संबंधों पर प्रकाश डालती है। इसमें रियासती शासन (1815-1949) के विविध पहलुओं पर ही नहीं जनता की आर्थिक स्थिति और संघर्ष पर प्रकाश डाला गया है। इसके अतिरिक्त इसमें स्थानीय मान्यताओं को भी उजागर किया गया है। राजाओं की अपनी कर और 'न्याय' व्यवस्था थी। इसमें देवी-देवताओं की भी विशेष महत्ता थी। हिमालय क्षेत्र के राजाओं को ग्रामीण क्षेत्रों मेंस्थानीय देवी-देवताओं के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों पर अंकुश लगाने की जरूरत पड़ती रही थी। ऐतिहासिक संदर्भ में विशेष रूप से टिहरी रियासत के बाड़ाहाट और रबांई परगने में राजतंत्र और देवतंत्र एक-दूसरे पर कई बार परोक्ष व अपरोक्ष रूप से वर्चस्व के लिए झगड़ते दिखते हैं। राजकीय न्याय को दैवीय न्याय से टक्कर लेनी पड़ती थी। एक और बड़ी विशेषता यह थी कि जनता राजतंत्र से सदैव जूझती रही। राजतंत्र अपने जनान्दोलनों के लिए जाना जाता है। सुर्दशनशाह के शासनकाल से ही लगातार यहां की जनता आन्दोलनरत रही, यहां की जनान्दोलन परंपरा को ढंडक का नाम दिया जाता है जिससे राजा-प्रजा के संबंध उद्घाटित होते हैं। डॉ. सुरेन्द्र सिंह मेहरा की प्रस्तुत पुस्तक मध्य हिमालय के संबंध में प्रभूत सामग्री देकर इन अछूते पृष्ठों पर विस्तार से प्रकाश डालती है।
लेखक परिचय
डॉ. सुरेन्द्र सिंह मेहरा
पिता का नाम माता का नाम पो. ऑ. स्व. श्री सदर सिंह मेहरा स्व. श्रीमती बबूली देवी चिरबटिया, जनपद- रूद्रप्रयाग, निवास स्थान ग्राम लुठियाग, पट्टी- लस्या उत्तराखण्ड जन्म 20 जून, 1957 शैक्षिक योग्यता एम.ए. (राजनीति विज्ञान, इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र), एम.कॉम. एम. एड. डी. फिल सम्प्रति - प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत पुरस्कार एवं सम्मान जिला शिक्षा समिति उत्तरकाशी द्वारा सम्मानित (1984), राजकीय इंटर कॉलेज, उत्तरकाशी द्वारा सम्मानित (1998), राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित (5 सितम्बर 2001). राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस जनपद समिति द्वारा सम्मानित (2001), विज्ञान दिवस 28 फरवरी 2002 को महामहिम राज्यपाल महोदय उत्तराखण्ड से सम्मानित, राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस द्वारा श्रेष्ठ जिला समन्वय के रूप में सम्मानित, कार्टन कॉलेज, गोवाहाटी, असम (2004), विशिष्ट शिक्षक सम्मान, उत्तरकाशी (2005), विशिष्ट शिक्षक सम्मान वर्ष 2008, अमर उजाला व एशियन स्कूल देहरादून, हिम उत्तरायणी सम्मान, पर्वतीय लोक विकास समिति (2009), विज्ञान संचारक सम्मान, पहल संस्था व यूकोष्ट, उत्तराखण्ड (2015) प्रकाशित पुस्तकें- उत्तरकाशी के धार्मिक एवं पर्यटन स्थल (1998), मध्य हिमालय की रियासतों में शासन-प्रबंध और समाज (2001) उत्तरकाशीः एक अध्ययन (2003), रुद्रप्रयाग के धार्मिक एवं पर्यटन स्थल (2023), सैनिकों का गांव लुठियाग (2023)
Hindu (हिंदू धर्म) (13443)
Tantra (तन्त्र) (1004)
Vedas (वेद) (714)
Ayurveda (आयुर्वेद) (2075)
Chaukhamba | चौखंबा (3189)
Jyotish (ज्योतिष) (1543)
Yoga (योग) (1157)
Ramayana (रामायण) (1336)
Gita Press (गीता प्रेस) (726)
Sahitya (साहित्य) (24544)
History (इतिहास) (8922)
Philosophy (दर्शन) (3591)
Santvani (सन्त वाणी) (2621)
Vedanta (वेदांत) (117)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist