| Specifications |
| Publisher: Vishwavidyalaya Prakashan, Varanasi | |
| Author: डॉ. बदरीनाथ कपूर और परीक्षित कुमार चौपडा (Dr. Badari Nath Kapoor and Shri Parikshit Kumar Chopra) | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 64 | |
| Cover: Paperback | |
| 8.5 inch X 5.5 inch | |
| Weight 70 gm | |
| Edition: 2017 | |
| ISBN: 9789351461715 | |
| NZA753 |
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पुस्तक के विषय में
दो शब्द
घोर कलियुग की इस बीसवी शताब्दी मे भी भारत भूमि पर अनेक ऐसे सत -महात्माओं ने जन्म लिया जिनका मूल उद्देश्य सभवत मानव समाज का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उपकार करना ही था । ऐसे संत -महात्माओं को इसीलिए अवतारी पुरुष कह सकते हैं क्योकि इन्होने भगवान राम और कृष्ण की ही तरह पृथ्वी का भार हल्का किया और अपने भक्तो का असीम उपकार किया ।
वैसे तो बाबा का विराट् स्वरूप है इनके लीला -कौतुक भी अगणित है, इन पर साहित्य भी प्रचुर मात्रा मे उपलब्ध है तो भी हमे बाबा की जिस छवि के दर्शन हुए तथा इसके फलस्वरूप जो सुख प्राप्त हुआ उसका कुछ अंश ही सही अपने पाठको तक पहुँचाने के लिए हम् प्रयत्नशील है ।
सिद्धि माँ की असीम कृपा की अनुभूति हम इस क्षण प्रत्यक्ष रूप रवे कर रहे हैं । उन्हीं के आशीर्व्राद से यह प्रयास सभव हुआ है ।
हम उन महानुभावो के प्रति भी आभार व्यक्त करना अपना कर्त्तव्य समझते हैं जिनके संस्मरणों का उल्लेख हमने इस पुस्तिका मे किया है ।
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अनुक्रम |
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|
1 |
हमारे महाराज नीब करौरी के बाबा |
1 |
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2 |
अमृत -वचन |
6 |
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3 |
संस्मरण |
16 |
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4 |
अंतिम लीला |
54 |
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5 |
मंदिरो तथा आश्रमो की स्थापना |
59 |




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