राष्ट्रपति राधाकृष्णन् इस युग के एक महान दार्शनिक और तत्त्व-चिन्तक के रूप में विश्व-विख्यात हैं। सारे संसार के विद्वान उन्हें आदर की दृष्टि से देखते हैं। राजनीति से दूर रहते हुए भी उन्होंने भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में और स्वतंत्र भारत के निर्माण में भारी योग दिया है।
विख्यात पत्नकार अवनीन्द्रकुमार विद्यालंकार ने अपनी इस पुस्तक में राधाकृष्णन् के प्रेरणाप्रद जीवन और उनके युगान्तरकारी विचारों का पूर्ण प्रामाणिक परिचय प्रस्तुत किया है।
विख्यात पत्नकार अवनीन्द्रकुमार विद्यालंकार प्रामाणिक जीवनियाँ लिखने में माहिर हैं। इन्होंने दर्जनों पुस्तकें लिखी हैं। इनके लेखन की विशेषता सरल भाषा है। इन्होंने पत्त्रकारिता पर खोजी पत्त्रकारिता नामक अत्यंत उच्च कोटि का ग्रंथ लिखा है। इन्हें कई सामाजिक एवं साहित्यिक पुरस्कार मिले हैं।
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