| Specifications |
| Publisher: RAMAKRISHNA MATH | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 127 (Throughout B/w Illustrations) | |
| Cover: PAPERBACK | |
| 8.5x5.5 inch | |
| Weight 170 gm | |
| Edition: 2023 | |
| ISBN: 9789383751013 | |
| HBE739 |
| Delivery and Return Policies |
| Ships in 1-3 days | |
| Returns and Exchanges accepted within 7 days | |
| Free Delivery |
'श्रीरामकृष्ण-कथित बोधकथाएँ' यह पुस्तक पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए हमें अत्यन्त हर्ष हो रहा है। ब्रह्म, ईश्वर, माया आदि गूढ आध्यात्मिक तत्त्वों को शास्त्रों की भाषा में समझना साधारण पाठकों के लिए कठिन होता है। परन्तु उन्हीं बातों को दैनन्दिन जीवन की घटनाओं के माध्यम से प्रस्तुत करने पर सहज की समझा जा सकता है। भगवान श्रीरामकृष्णदेव ने इन्हीं उच्च आध्यात्मिक तत्त्वों को बहुत ही सहज-सरल उदाहरणों एवं कथा-कहानियों के द्वारा उनके पास आने वाले अध्यात्म तत्त्व के जिज्ञासुओं या साधकों के समक्ष प्रस्तुत किये थे। उन्हीं कथाओं को विभिन्न ग्रन्थों से संकलित कर रेखाचित्रों के माध्यम से हम पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। जिससे पाठक गूढ़ आध्यात्मिक तत्त्वों को सरलतापूर्वक समझ कर अपने आध्यात्मिक जीवन का विकास कर सकें।
हम देखते हैं प्राचीन काल से ही विभिन्न धर्मों के अवतारों ने, धर्माचार्यों ने एवं धर्मशास्त्रों ने युगोपयोगी उदाहरणों, कथा-कहानियों के माध्यम से जनसाधारण को धर्मपरायण बनाया है। श्रीरामकृष्ण द्वारा दिये गये उपदेश उनकी आध्यात्मिक उपलब्धियों का सार-तत्त्व है। 'श्रीरामकृष्ण-कथित बोधकथाएँ' निम्नलिखित ग्रन्थों से संकलित किया गया है - श्रीरामकृष्णवचनामृत, अमृतवाणी, श्रीरामकृष्ण-वाक्सुधा एवं श्रीरामकृष्ण- लीलाप्रसंग। प्रत्येक बोधकथाओं के अन्त में सन्दर्भ दिया गया है। श्रीरामकृष्णवचनामृत के बोधकथाओं के अन्त में जिस दिन यह उपदेश दिया गया था, उस दिन का दिनांक दिया गया है।
प्रस्तुत पुस्तक में भावप्रवण रेखाचित्रों का अंकण नागपुर के श्री विजय काणे ने किया है। पुस्तक के प्रारम्भ में स्वामी निखिलानन्दजी महाराज द्वारा अमेरिका में दिये गये अंग्रेजी व्याख्यान 'भगवान श्रीरामकृष्णदेव के जीवन एवं उपदेश' का हिन्दी में अनुवाद नागपुर के श्रीमती ज्योत्स्ना किरवई ने किया है। इस महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए हम उपरोक्त दोनों भक्तों के अत्यन्त आभारी हैं।
आध्यात्मिक मार्ग के साधक-भक्त एवं जनसाधारण पाठक इस पुस्तक का मनोयोगपूर्वक अध्ययन कर अपने जीवन का विकास करें एवं धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में उन्नति करें यही हमारी शुभकामनाएँ हैं।
Send as free online greeting card
Visual Search