"मैं कौन हूँ" पुस्तक की रचना मानव जीवन के वास्तविक उद्देश्य को जानने के लिए की गई है। जीवन केवल भौतिक सुख सुविधाओं को पाने की दौड़ ही नहीं है, बल्कि मनुष्य के भीतर की विराट शक्तियों को जगाने के लिए है। ध्यान के माध्यम से ही मनुष्य अपने अस्तित्व की असीम शक्तियों को पहचान सकता है, अन्यथा दुनिया की भीड़ में सदा खोया रहेगा। इस पुस्तक के माध्यम से लेखिका का उद्देश्य मनुष्य को झकझोर देने से है ताकि अपने जीवन को निरर्थक समझने वाले इंसान भी इतने प्रेरित हो जाएँ कि वह स्वयं को जानें और दूसरों को भी जगाएँ। तभी लेखिका का यह उद्देश्य महान रूप ले पाएगा। इस पुस्तक के अध्ययन से हर इंसान स्वयं को भौतिक रूप के अंधविश्वास से ऊपर उठा सकेगा और आत्मशक्ति के विराट स्वरूप को पहचान सकेगा। यह लेखन कार्य ध्यान का ही परिणाम है।
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