Look Inside

रामचरितमानस में अद्वैतमीमांसा Advaita Mimansa in Ramacharitmanas

$63
Item Code: NZJ724
Publisher: Chaukhamba Sanskrit Pratishthan
Author: Dr. Premsukh Mangla
Language: Hindi
Edition: 2015
ISBN: 9788170846481
Pages: 750
Cover: Hardcover
Other Details 8.5 inch X 5.5 inch
Weight 920 gm
Fully insured
Fully insured
Shipped to 153 countries
Shipped to 153 countries
More than 1M+ customers worldwide
More than 1M+ customers worldwide
100% Made in India
100% Made in India
23 years in business
23 years in business
Book Description

पुस्तक परिचय

रामचरितमानस में अद्धैतमीमांसा ग्रन्थ के रूप में आद्योपान्त किए गए सर्वेक्षण के आधार पर ज्ञात होता है की दर्शन- मीमांसीय लेखों, प्रलेखों या शोध- ग्रन्थों में, यह ग्रन्थ अपना अपूर्व स्थान रखता है| इसके समग्र अवलोकन से विदित होता है की इस ग्रन्थ में जितना शास्त्रीय, न्यायिक एवं तर्कपूर्ण लेखन हुआ है , अन्यंत्र दर्लभ है| लेखक का स्पष्ट मन्तव्य है, रामचरितमानस में तुलसीदास के दार्शनिक अभिप्रायों को उनकी उत्कियो के द्धारा प्रमाणित करना, जिसे कुशलतापूर्वक निर्वचन, राम के व्यापकत्व का तात्विक विश्लेषण एवं अनेकानेक श्रुति प्रमाणों के आधार पर शांकर- मत की पुष्टि में मानसगत बेजोड़ उक्तियों की प्रस्तुति तथा समुचित कथन, प्रशसनीय है, संस्तुति योग्य एवं अनुसंधेय है| लेखक में कठोर परिश्रम, विद्ता एवं गुणवता झलकती है| यह रचना मानस- मंथित दार्शनिक- दृष्टि में अाघ्गुरू शंकराचर्या अनुमोदित अद्धैतवाद की उन्नायक सिद्ध होगी| सभी द्धैतों का आधार तुलसी का राम वह व्यापक- तत्व है जो जड़- चेतन सभी में समाहित है एवं तदरूप होकर भासता है| अतः राम- प्रेमियों के लिए निज-प्रभु का सार्वभौम अनुभव कराने में यह सक्षम है| प्रमाणिक विद्धद्गणों एवं शुभाशंसा से यह सुशोभित है| अतः प्रार्थनीय है कि यह ग्रन्थ सर्वोपलब्ध रहे, यही इसके प्रकाशन का तात्पर्य है|

लेखक परिचय

डॉ. प्रेमसुख मंगला एक सफल उद्योगपति है| आपका जन्म भिवानी में पिता श्री देवीसहाय व माता नरबदा देवी के घर, ता. ४.१०.१९४० को हुआ, पर आप आजन्म दिल्ली ही रहे है| आजादी कि उथल-पुथल में प्रारम्भिक शिक्षा औपचारिक ढंग से हो पाई| स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात ५वी से नियमित अध्ययन हुआ और ई. १९५८ में इंटरमीडिएट'. हिंदी भाषा में 'प्रभाकर' और तत्पश्चात हिंदी साहित्य सम्मेलन, इलाहबाद, से 'साहित्यरत्न' कि उपाधि प्राप्त की| चार दशक तक निरंतर पारिवारिक और व्यावसायिक उत्तरदायित्वों को वहन किया| अदम्य ज्ञान- पिपासा के कारण पुन: उच्च शिक्षा से प्रेरित डॉ. प्रेमसुख मंगला ने ५ वर्ष के अथक परिश्रम से 'जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी' में 'रामचरितमानस' पर शोध-ग्रन्थ प्रस्तुत किया और अंतः ७४ वर्ष की अवस्था में महामहिम राष्ट्पति श्री प्रणव मुखर्जी की उपस्थिति में Ph. D. उपाधि प्राप्त की| उपाधि प्राप्त की| आपके द्वारा लिखित ' कुछ तो बाकी रह गया' एवं ' बेबाट के बटोही' काव्य संग्रह अभी अप्रकाशित है. 'विचार- संगम' संचय आपके प्राथमिक जीवनकाल की दर्शनीय धरोहर है| वर्तमान में 'आनद-मीमांसा' पर लेख सकलन के बृहत कार्य में आप निमगन है| आपके दो पुत्र स्व. अरविन्द और अध्ययनशील व्यापार में संलग्न विवेक है तथा काठमाण्डू निवासी एक पुत्री रेनूबाला है| व्यापारिक उपलब्धि- एक सामान्य परिवार में जन्म व लालन- पालन हुआ, पर नित- नूतन ऊँचाईयों को छूने की लगन ने छ: दशक में व्यापार को शिखर पर पहुँचा दिया| परिणामत: आज आप 'मंगला अपैरल्स इंडिया प्रा. लि.' के चेयरमैन पद पर आसीन है| साथ-साथ आप सामाजिक एवं राष्ट्रीय दायित्वों का भी कुशलता से निर्वहन करते आ रहे है| प्रस्तुत प्रकाशित ग्रंथ इस पी-एच.डी. उपाधि के लिए लिखे गये महानिबंध का ही किंचित संवर्धित रूप है| यह स्व. पिताश्री प्रदत्त रामचरितमानस के गर्भित ज्ञान का एवं संतो के सानिध्य द्वारा अधीत वेदान्त-सम्मत सिद्धांतो का प्रतिफल है, जो 'रामचरितमानस में अद्धैतमीमांसा' के रूप में उपस्थित है|





















Sample Pages
















Frequently Asked Questions
  • Q. What locations do you deliver to ?
    A. Exotic India delivers orders to all countries having diplomatic relations with India.
  • Q. Do you offer free shipping ?
    A. Exotic India offers free shipping on all orders of value of $30 USD or more.
  • Q. Can I return the book?
    A. All returns must be postmarked within seven (7) days of the delivery date. All returned items must be in new and unused condition, with all original tags and labels attached. To know more please view our return policy
  • Q. Do you offer express shipping ?
    A. Yes, we do have a chargeable express shipping facility available. You can select express shipping while checking out on the website.
  • Q. I accidentally entered wrong delivery address, can I change the address ?
    A. Delivery addresses can only be changed only incase the order has not been shipped yet. Incase of an address change, you can reach us at help@exoticindia.com
  • Q. How do I track my order ?
    A. You can track your orders simply entering your order number through here or through your past orders if you are signed in on the website.
  • Q. How can I cancel an order ?
    A. An order can only be cancelled if it has not been shipped. To cancel an order, kindly reach out to us through help@exoticindia.com.
Add a review
Have A Question

For privacy concerns, please view our Privacy Policy

Book Categories