प्रथम विश्व महायुद्ध में हुए रक्तपात व संघर्ष से संक्षोभित विश्वभर के राष्ट्रों ने शान्ति व सामंजस्य की चाह में हाथ में हाथ मिलाया तो 'लीग ऑफ नेशन्स' नामक शान्ति मंदिर का उद्भव हुआ। उसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा नगर में था। 'हममें से कौन अधिक शक्तिमान है!' का निश्चय करने एवं एक दूसरे पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए जब देश होड़ लगा रहे थे तो शान्ति व समाधान का प्रकाश प्रसारकर जनता एवं राज्यकर्ताओं का पथ प्रदर्शन करना यह था उस संगठन का उद्देश्य। हालाँकि द्वितीय विश्व महायुद्ध ने लीग ऑफ नेशन्स का अन्त कर दिया तब भी विश्व भर के राष्ट्र पुनः एक बार संगठित हुए। उस संगठन ने युनाइटेड नेशन्स यूनो का रूप धारण किया।
गत अक्तूबर ५ से ९ तक जेनेवा में पुनः एक सम्मेलन हुआ; विश्वशान्ति के लिए महिला धर्माचार्यों एवं आध्यात्मिक गुरुओं का विश्व महासंगम "The Global Peace Initiative of Women Religious and Spiritual Leaders' व 'Millenium Wolrd Peace Summit' के द्वारा संयुक्त रूप से संगठित इस सम्मेलन में १२५ राष्ट्रों से आये लगभग १००० प्रतिनिधियों ने सहभागिता निभाई। कामगार सम्मेलन के मुख्य कार्यक्रम दिनांक ७ अक्तूबर को यूनो के 'Palais des Nations' हॉल में संपन्न हुआ। ६ अक्तूबर को दो मुख्य कार्यक्रम हुए प्रथम था विश्व शान्ति हेतु प्रार्थना। वचनों के परे, हृदय के भाव जाति, धर्म व भाषा के संकीर्ण सीमाओं को भेदते हुए प्रार्थना रूप में प्रकट हुए यथार्थतः वह शान्ति व समाधान के लिए समस्त लोकजनता के हृदयों से उठता करुण क्रन्दन था।
दोपहर लगभग ३ बजे को अम्मा जेनेवा नगर के मध्य में स्थित 'बो रिवाज' होटल के मुख्य द्वार पर पहुंचीं। 'द ग्लोबल पीस इनीशियेटिव ऑफ वीमेन रिलिजेस एन्ड स्पिरिचुअल लीडर्स' की आयोजक मिस् डीना मेरियमें एवं 'मिलीनियमें समिट' के सचिव श्री. बावा जैन ने मिलकर अम्मा का स्वागत किया। अधिक समय नहीं बीता कि मिलीनियमें पीस समिट के टी.वी. चैनल, रुडर फिन्न गूप एवं डाक्युमेन्टरी फिल्म बनाती अमरीका की प्रसिद्ध गूप 'वन वॉयिस इन्टरनेशनल' ने अम्मा से भेंटवार्ता की माँग की|
विश्वशान्ति के लिए यदि कोई एक मार्ग है तो वह क्या है? रुडर फिन्न ग्रुप ने प्रश्न प्रस्तुत किया।
अम्मा ने मुस्काते हुए उत्तर दिया, वह तो बहुत सरल है! पहले व्यक्ति के स्तर पर परिवर्तन लाओ, पहले स्वयं बदलो तब विश्वस्थिति स्वयमेव बदल जायेगी। सर्वत्र शान्ति व समाधान व्याप्त होगा।
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