| Specifications |
| Publisher: Kalpana Prakashan, New Delhi | |
| Author Amiteshwar Saili | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 142 (with B/W Illustrations) | |
| Cover: HARDCOVER | |
| 8.5x5.5 Inch | |
| Weight 330 gm | |
| Edition: 2025 | |
| ISBN: 9788119366361 | |
| HBW124 |
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अमितेश्वर सैली जन्म : 18 दिसम्बर 1980 (पंजाब के शहर पठानकोट में)
शिक्षा : कला-स्नातक के अतिरिक्त ऑस्ट्रेलिया से डिप्लोमा इन मल्टीमीडिया एंड ग्राफिक डिजाइनिंग
प्रतिष्ठित साहित्यकार सैली बलजीत की संतान होने का फख्र है। बचपन से ही साहित्य और कला के अनेक सपने जुनून की हद से भीतर अंकुरित होते रहे हैं। तभी तो अब तक दर्जनों किताबों के टंकन कार्य के अतिरिक्त खूबसूरत आवरणों की भी संरचना में रत। देश की अनेक संस्थाओं द्वारा समय-समय पर सम्मानित होने का गर्व भी हासिल है... जिनमें 'दिशा साहित्य मंच', 'त्रिवेणी साहित्य अकादमी', 'शब्द संवाद' तथा 'पंजाब कला एवं साहित्य अकादमी' से पुरस्कृत होना प्रमुख है। कलात्मक आवरणों की संरचना में देशभर के साहित्यकारों से प्रोत्साहन प्राप्त। इस विधा के ज़रिए देश के नामीय प्रकाशकों से अनुबंध होना भी गौरव का विषय है। संप्रति : लोककथाओं और हिन्दी टंकन के अतिरिक्त आवरण डिज़ाइन हेतु
भारतीय आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में निगराने गाने पर रोगमुक्त करने अथवा उसका गगन करने तथा आयु बढ़ाने से है। बरक, एक प्रसिद्ध चिकित्सक और विद्वान जो लगभग २०० ईसा पूर्व रहते थे, आयुर्वेद के जनक के रूप में जाने अग्नि, जल और पृथ्वी। ये तत्व हर चीज में मौजूद हैं, जिसमें हमारा अपना शरीर भी शामिल है। भारतीय पुरातत्वों से बना हुआ मानते हैं. अंतरिक्ष, वायु, चरकसंहिता और सुश्रुतसंहिता चरकसंहिता, आयुर्वेद का सबसे पुराना ज्ञात ग्रन्थ है तथा इसका तुश्रुतसंहिता में अनुपालन हुआ है। हल्दी वो मसाला है जिसका प्रयोग आमतौर पर रसोई में होता है, लेकिन इसकी उपयोगिता के बारे में कम ही लोग जानते हैं। बता दें कि हल्दी कई सारे औषधीय गुणों से भरपूर होता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक यौगिक बेहद प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट हैं, जो ब्लड शुगर और बैड कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में कारगर माना जाता है। इसके साथ ही यह शरीर की अशुद्धियों को आसानी से बाहर निकालने में भी मददगार साबित होता है। जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं, आयुर्वेदिक चिकित्सा कई हजार साल पुरानी है। इसीलिए, आज भी उसमें किसी रोग का उपचार या उसकी रोकथाम करने के लिए हर्बल दवाओं के साथ-साथ विशेष प्रकार के योग व्यायाम और आहार बदलाव आदि की भी मदद ली.
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