| Specifications |
| Publisher: SAHITYA AKADEMI | |
| Author: रामचंद्र भिकाजी जोशी: R.B.Joshi's | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 78 | |
| Cover: Paperback | |
| 8.5 inch X 5.5 inch | |
| Weight 110 gm | |
| Edition: 1983 | |
| NZA530 |
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पुस्तक के बारे में
हरि नारायण आपटे (1864-1919) को सर्वसम्मति से आधुनिक मराठी के सामाजिक और ऐतिहासिक दोनों तरह के उपन्यासों तथा साथ ही आधुनिक मराठी कहानी का अधिष्ठाता माना जाता है उन्होंने मराठी उपन्यास को महज मनोरजन के स्तर से कला की एक गंभीर रचना के स्तर तक ऊपर उठाया । उन्होंने सस्कृत ग्रथों का गहन अध्ययन किया था और अग्रेज़ी तथा यूरोपीय साहित्य मे उनकी अच्छी पैठ थी।
हालाँकि लिखना-पढना ही आपटे का पेशा था, लेकिन वह किताबी कीड़े या हवाई किले के उपन्यासकार नही थे।1890 में उन्होंने ‘कर्मणुक’ नाम से अपना पत्र निकाला और उसमें अपने उपन्यासों तथा कहानियो को प्रकाशित किया आगरकर की मृत्यु के बाद ‘सुधारक’ नामक पत्र के संपादन में सहायता की और कुछ दिनों तक उदार विचारों के एक पत्र ‘ध्यानप्रकाश’ का संपादन किया । आज भी आम पाठक और साथ-साथ मराठी साहित्य के गभीर अध्येता उनके उपन्यासों को चाव से पढ़ते हैं ।
इस प्रबध के लेखक रामचन्द्र भिकाजी जोशी 1968 में अग्रेज़ी के आचार्य के रूप में सेवा-निवृत्त हुए थे । वह प्रख्यात लेखक हैं और प्रमुख मराठी पत्र-पत्रिकाओ में उन्होंने सामाजिक विषयों पर कहानियाँ, लेख. आलोचना, यात्रा- विवरण तथा अन्य रचनाएँ लिखी हैं।
साहित्य अकादेमी भारतीय-साहित्य के विकास के लिए कार्य करने वाली राष्ट्रीय महत्व की स्वायत्त सस्था है, जिसकी स्थापना भारत सरकार ने 1954 मे की थी इसकी नीतियां एक 82-सदस्यीय परिषद् दारा निर्धारित की जाती हैं जिसमें विभिन्न भारतीय भाषाओँ, राज्यों और विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि होते हैं
साहित्य अकादेमी का प्रमुख उद्देश्य है-ऊँचे साहित्यिक प्रतिमान कायम करना, विभिन्न भारतीय भाषाओं में होने वाले साहित्यिक कार्यो को अग्रसर करना और उनका समन्वय करना, तथा उनके माध्यम से देश की सास्कृतिक एकता का उन्नयन करना यद्यपि भारतीय साहित्य एक है, तथापि एक भाषा के लेखक और पाठक अपने ही देश की अन्य पडोसी भाषाओं की गतिविधियों से प्राय. अनभिज्ञ ही जान पडते हैं भारतीय पाठक भाषा और लिपि की दीवारों को लाँघकर एक-दूसरे से अधिकाधिक परिचित होकर देश की साहित्यिक विरासत की अपार विविधता और अनेकरूपता का और अधिक रसास्वादन कर सके, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए साहित्य अकादेमी ने एक विस्तृत अनुवाद-प्रकाशन योजना हाथ में ली है इस योजना के अन्तर्गत अब तक जो ग्रथ प्रकाशित हो चुके है, उनकी वृहद सूची साहित्य अकादेमी के वित्रय विभाग से निशुल्क प्राप्त की जा सकती है।
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विषय सूची |
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1 |
व्यक्ति और परिवेश |
7 |
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2 |
हरिभाऊ आपटे से पहले का मराठी उपन्यास |
17 |
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3 |
हरिभाऊ आपटे के उपन्यास: सामाजिक |
26 |
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4 |
हरिभाऊ आपटे के उपन्यास: ऐतिहासिक |
49 |
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5 |
अन्य रचनाएं तथा निष्कर्ष |
71 |
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परिशिष्ट |
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1 |
हरिनारायण आपटे की मुख्य रचनाएं |
77 |
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2 |
संकलित संदर्भ ग्रंथ |
79 |




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