"मुक्ति मार्ग" एक गहन आध्यात्मिक ग्रंथ है जो मुक्ति, मोक्ष, और आत्म-साक्षात्कार के सिद्धांतों का विश्लेषण करता है। इस पुस्तक में तीन प्रमुख मागों - ध्यान साधना, स्वाध्याय, और सज्जन संगति -के माध्यम से मुक्ति की अवस्था प्राप्त करने का मार्गदर्शन दिया गया है। यह पुस्तक बताती है कि कैसे तमोगुण, रजोगुण और सात्विक गुणों के दोषों से मुक्ति पाकर, व्यक्ति दुखों से मुक्त हो सकता है और अंततः निर्वाण या महापरिनिर्वाण की स्थिति तक पहुँच सकता है। ब्रह्मर्षि पत्री जी के मार्गदर्शन में, यह ग्रंथ आत्मज्ञान के मार्ग पर चलने और सच्चे आनंद और स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए एक प्रेरणादायक और आवश्यक पथ प्रदर्शक है। इस पुस्तक का उद्देश्य आत्मा की वास्तविकता को जानना और सत्य की खोज के माध्यम से बंधनों से मुक्ति पाना है।
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