अरमान जिन्दगी के, पूरे हो जायें तो फिर क्या चाहिये।
कभी-कभी हम भी, औरों के लिये खो जायें तो फिर क्या चाहिये।
काल का पहिया रात-दिन अनवरत क्रियाशील रहता है। ईश्वर की सर्वाधिक महती कृपा यही मानता हूँ कि शिक्षण-जगत कर्मक्षेत्र बना। अड़तीस वर्षों की यह अध्ययन-अध्यापन यात्रा जैसे कल की ही बात हो ऐसा लगता है।
प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक फिर स्नातक, अनुस्नातक एवं विश्वविद्यालय स्तरीय उच्च उपाधि प्राप्त करने के अभिलाषी शिक्षार्थियों को राष्ट्रभाषा पढ़ाने का सुअवसर प्राप्त हुआ। शिक्षा जगत की उच्च उपाधि (विद्या वारिधि) पो-एच.डी. के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करना तो असलियत में नवीन साहित्यिक विषयों के चिन्तन-मनन का, पढ़ने-पढ़ाने का एवं सीखने-सिखाने का ही सुअवसर है। ईश्वर ने जिसे (गुरु) शिक्षक बनाया है, उस पर उसको असीम कृपा बरसी है यह बात असंदिग्ध है।
पिछले चार दशकों से अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ प्रशासकीय कार्यों से भी दो-चार होना पड़ा। पारिवारिक एवं संस्थागत परिस्थितियों में उठा-पटक होती रही, किन्तु साहित्य कर्म की मूल धारा अध्ययन अध्यापन, लेखन-चिंतन मनन एवं अभिव्यक्ति में आकंठ डूबने की लालसा बनी रही। इस दौरान साहित्यिक सेमिनारों, संगोष्ठियों, कार्यशालाओं में जो आलेख प्रस्तुत किये एवं अनेक पत्र-पत्रिकाओं में छपे उन्हीं का यह संकलन 'कविता में संगीत और सूरदास 'अभिधान से प्रस्तुत है।
इन अलेखों में मध्यकालीन एवं आधुनिक कविर्यो-गद्यकारों से संबंधित रचनाएँ है। पत्रकारिता, युवा संस्कार सिंचन 'शिशुपाल वध में कृष्ण का राजधर्म-वर्तमान परिप्रेक्ष्य' में जैसे अन्य विषयों पर भी कुछ आलेख है। इन आलेखों पर अंतर्दृष्टिपात करने से ज्ञात होता है कि वर्तमान वैश्विक आवश्यकता है 'कला जीवन के लिये' की सार्थकता साहित्य का अनिवार्य तत्त्व है। ये आलेख ऐसे ही मानवीय मूल्यों के सकारात्मक प्रवाह को आगे बढ़ाते प्रतीत होते हैं।
मुझे आशा है कि यह साहित्य सामग्री हिन्दी के उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों हेतु उपयोगी सिद्ध होगी तथा साहित्य अनुसंधित्सुओं के लिये मार्ग प्रशस्त करेगी।
Hindu (हिंदू धर्म) (13440)
Tantra (तन्त्र) (1003)
Vedas (वेद) (715)
Ayurveda (आयुर्वेद) (2077)
Chaukhamba | चौखंबा (3185)
Jyotish (ज्योतिष) (1544)
Yoga (योग) (1154)
Ramayana (रामायण) (1335)
Gita Press (गीता प्रेस) (724)
Sahitya (साहित्य) (24559)
History (इतिहास) (8930)
Philosophy (दर्शन) (3592)
Santvani (सन्त वाणी) (2615)
Vedanta (वेदांत) (115)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist