| Specifications |
| Publisher: Penguin Books India Pvt. Ltd. | |
| Author MAKARAND PARANJAPE | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 345 | |
| Cover: PAPERBACK | |
| 8x5 inch | |
| Weight 262 gm | |
| Edition: 2024 | |
| ISBN: 9780143451419 | |
| HBC337 |
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लियो टॉलस्टॉय के 'लेटर टू ए हिंदू' (एक हिंदू को पत्त्र) की अपनी प्रस्तावना में महात्मा गांधी कहते हैं,
यह कहना महज़ यथार्थ का बयान करना होगा कि प्रत्येक भारतीय, चाहे वह माने या ना माने, राष्ट्रीय आकांक्षाएँ रखता है। लेकिन उस आकांक्षा के सटीक अर्थ के बारे में, और विशेष रूप से उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उपयोग की जाने वाली विधियों के बारे में, उतने ही मत हैं जितने भारतीय राष्ट्रवादी हैं।
यह हमारे लिए आज भी काफी हद तक सच है। इसलिए गांधी इतने महत्वपूर्ण हैं। वह हमें राष्ट्र के बारे में तरह-तरह के मत रखने की अनुमति तो देते हैं, लेकिन राष्ट्रवाद की हमारी धारणाओं और भारत के लिए हमारी आकांक्षाओं पर सवाल उठाने के लिए मजबूर भी करते हैं। यह पुस्तक न केवल गांधी के जीवन और संदेश बल्कि उनकी मृत्यु के अर्थ की जाँच करके भारत की कल्पना को समझने का एक ऐसा ही प्रयास है।
गांधी की मृत्यु को आमतौर पर हत्या और शहादत दोनों के रूप में देखा गया। नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी लेकिन महात्मा ने ख़ुद को शहीद कर लिया। गांधी कोई निष्क्रिय शिकार नहीं, बल्कि एक सक्रिय भागीदार थे। जान से मारने की कोशिश के बावजूद, उन्होंने बिड़ला हाउस में अधिक कड़े सुरक्षा प्रबंधन का विरोध किया।
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