| Specifications |
| Publisher: PILGRIMS PUBLISHING,VARANASI | |
| Author RAMSUDHAR SINGH | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 360 (B/W Illustrations) | |
| Cover: PAPERBACK | |
| 8.5x5.5 inch | |
| Weight 400 gm | |
| Edition: 2024 | |
| ISBN: 9789350764695 | |
| HBA481 |
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काशी आध्यात्म की नगरी है। काशी ज्ञान का केंद्र है। काशी के भिन्न-भिन्न आयाम हैं। काशी भारतवर्ष का बौद्धिक हृदय स्थल है। काशी निसर्ग का घर है। काशी शब्द का अर्थ भी ज्ञान का पुंज है। काशी सचमुच में एक सम्पूर्ण शहर है। इस नगरी की खासियत विपरीत तत्व सामंजस्य के साथ सह-अस्तित्व में हैं। इसमें पुरातनता और आधुनिकता दोनों है। आध्यात्मिकता और भौतिकता की धाराएँ हैं। यहाँ तपस्या है। मौज-मस्ती है। काशी विविधता में एकता है। काशी वस्तुतः लघु भारत है। इस मोक्ष नगरी में सम्पूर्ण भारत का दर्शन विद्यमान है। यहाँ भारत के सभी धर्मों, संस्कृतियों, परंपराओं और भाषाओं का समागम है। यही वजह है कि यह नगरी आज भी सम्पूर्ण विश्व के आकर्षण और जिज्ञासा का केन्द्र है।
काशी समझने का नहीं अनुभूति का विषय है। यह ब्रह्मांड की अवतरण स्थली है। यही वजह है कि काशी अलौकिक है। अतुलनीय है। काशी एक तिलिस्म है। काशी को एक जन्म में समझ पाना असंभव है। काशी को देखने के लिए दैविक दिव्य चक्षु की जरूरत है। काशी देव भूमि है। इसने युगों को बनते-बिगड़ते देखा है। काशी कभी किसी की दया या कृपा पर निर्भर नहीं रही। काशी शेष धरा से कुछ अलग है। काशी में जागृति ही जीवन है। इस मोक्ष नगरी में मृत्यु ही मंगल है। काशी मोक्ष दायिनी है। यह आशुतोष शिव की प्रिय नगरी है। इसीलिए काशी शिवमयी है। काशी ज्ञानमयी है। काशी का कोई आदि है, और न अंत है। ये हमेशा अक्षुण्ण रहने वाली देवभूमि है।
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