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रोमियो और जूलियट- Romeo Aur Juliet: Hindi Edition of Romeo Juliet by Shakespeare

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Includes any tariffs and taxes
Specifications
Publisher: Rajpal And Sons
Author William Shakespeare
Language: Hindi
Pages: 104
Cover: PAPERBACK
8.5x5.5 inch
Weight 110 gm
Edition: 2025
ISBN: 9789350642078
HBQ273
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Book Description
पुस्तक परिचय
विश्व साहित्य के गौरव, अंग्रेज़ी भाषा के अद्वितीय नाटककार शेक्सपियर का जन्म 26 अप्रैल, 1564 ई. को इंग्लैंड के स्ट्रैटफोर्ड-ऑन-ए वोन नामक स्थान में हुआ। उनके पिता एक किसान थे और उन्होंने कोई उच्च शिक्षा भी प्राप्त नहीं की। इसके अतिरिक्त शेक्सपियर के बचपन के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। 1582 ई. में उनका विवाह अपने से आठ वर्ष बड़ी ऐन हैथवे से हुआ। 1587 ई. में शेक्सपियर लंदन की एक नाटक कम्पनी में काम करने लगे। वहाँ उन्होंने अनेक नाटक लिखे जिनसे उन्होंने धन और यश दोनों कमाए। 1616 ई. में उनका देहान्त हुआ।

प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार रांगेय राघव ने शेक्सपियर के ग्यारह नाटकों का हिन्दी अनुवाद किया है, जो इस श्रृंखला में पाठकों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

लेखक परिचय
शेक्सपियर विश्व-साहित्य के गौरव, अंग्रेज़ी भाषा के अद्वितीय नाटककार शेक्सपियर का जन्म 26 अप्रैल, 1564 में स्ट्रेटफ़ोई-आन्-ऐवोन नामक स्थान में हुआ। उसकी बाल्यावस्था के विषय में बहुत कम ज्ञात है। उसका पिता एक किसान का पुत्र था, जिसने अपने पुत्र की शिक्षा का अच्छा प्रबन्ध भी नहीं किया। 1582 ई. में शेक्सपियर का विवाह अपने से आठ वर्ष बड़ी ऐनहैथवे से हुआ और सम्भवतः उसका पारिवारिक जीवन सन्तोषजनक नहीं था। महारानी ऐलिज़ाबेथ के शासनकाल में 1585 में शेक्सपियर लन्दन जाकर नाटक-कम्पनियों में काम करने लगा। हमारे जायसी, सूर और तुलसी का प्रायः समकालीन यह कवि यहीं आकर यशस्वी हुआ और उसने अनेक नाटक लिखे, जिनसे उसने धन और यश दोनों कमाए। 1612 ई. में उसने लिखना छोड़ दिया और अपने जन्मस्थान को लौट गया और शेष जीवन उसने समृद्धि तथा सम्मान से विताया। 1616 ई. में उसका स्वर्गवास हुआ।

इस महान नाटककार ने जीवन के इतने पहलुओं को इतनी गहराई से चित्रित किया है कि वह विश्व-साहित्य में अपना सानी सहज ही नहीं पाता। मारलो तथा बेन जानसन जैसे उसके समकालीन कवि उसका उपहास करते रहे; किन्तु वे तो लुप्तप्राय हो गए, और यह कविकुल- दिवाकर आज भी देदीप्यमान है।

शेक्सपियर ने लगभग 36 नाटक लिखे हैं, कविताएँ अलग। उसके कुछ प्रसिद्ध नाटक हैं-जूलियस सीज़र, ऑथेलो, मैकबेथ, हैमलेट, सम्राट लियर, रोमियो जूलियट (दुःखान्त); ग्रीष्म-मध्य रात्रि का स्वप्न, (ए मिड समर नाइट्'स ड्रीम), वेनिस का सौदागर, बारहवीं रात, तिल का ताड़ (मच एडू अबाउट नथिंग), जैसा तुम चाहो (एज़ यू लाइक इट), तूफ़ान (सुखान्त)। इनके अतिरिक्त ऐतिहासिक नाटक हैं तथा प्रहसन भी हैं। प्रायः उसके सभी नाटक प्रसिद्ध हैं।

भूमिका
'रोमियो जूलियट' शेक्यपियर का प्रारम्भिक काल में लिखा हुआ एक दुःखान्त नाटक है। इसकी कथावस्तु भी उसके अनेक नाटकों की भाँति इटली से ली गई है, जिसमें दो पुराने इज़्ज़तदार घरानों की आपसी आन की लड़ाई दिखाई गई है। मध्यकालीन वातावरण में ऐसे झगड़े भारत में भी ठाकुर लोगों के सम्बन्ध में मिलते हैं।

शेक्सपियर ने इस नाटक में यूनानी नाटक की प्रस्तावना-शैली का सहारा लिया है, ताकि कथा की श्रृंखला को वह जोड़ सके।

नाटक के दृष्टिकोण से इसे बहुत उच्चकोटि का नहीं माना जाता, क्योंकि दुःखान्त नाटक के पात्रों के चित्रण में उसने जो अन्तर्व्यथा और उसका अन्तर्द्धन्द्ध अपने हैमलेट, मैकवेय और सम्राट लियर नामक नाटकों में दिखाया है, वैसा वह यहाँ नहीं दिखा सका है। यद्यपि घरानों की लड़ाई के कवि स्वयं विरुद्ध है और स्वतन्त्र प्रेम का पक्षपाती है, किन्तु अवरोधों और घातों के विरुद्ध वह उतनी गहरी छटपटाहट पैदा नहीं कर सका है, जितनी कि इसे संसार के अतिश्रेष्ठ नाटकों में लाकर खड़ा कर देती। इस दृष्टि से जहाँ तक प्रेम की सम्वेदना का प्रश्न है, जो तल्लीन आत्मानुभूति और आसक्ति 'जैसा तुम चाहो' में झंकार उठी है, उसका 'रोमियो जूलियट' में अभाव ही मिलेगा।

किन्तु फिर भी इस नाटक में एक गुण है। वह है इसकी माँसल ऊहा। वह जितनी मुखर यहाँ हुई है, अपनी वासना की प्रखरता, अपनी सांकेतिकता में अन्यत्र शेक्सपियर ने स्यात् ही चित्रित की हो।

मैं इस नाटक को सफल मानता हूँ, क्योंकि शेक्सपियर ने पात्रों की जो उठान पाठक या दर्शक के सामने प्रस्तुत की है, वह उसने अन्त तक उसी रूप में निबाह दी है।

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