पुस्तक के विषय में
पश्र्चिमी ससार में विज्ञान और बाजीगरी की आजकल बहुत कुछ उन्नति हुई है। इस विद्या पर अग्रेजी भाषा में अनेक पुस्तके लिखी गई हैं। पर खेद और आश्चर्य का विषय है कि हिन्दी भाषा में इस विषय की अभी तक एक भी उपयोगी पुस्तक तैयार नही हुई है। बाजीगरी के गुप्त रहस्य यहा के बहुत कम मनुष्यो को मालूम हैं। जिन कुछ आदमियों को मालूम हैं प्राणपण से चेष्टा करके इसे छिपासे है। वे समझते है, छिपाने से उनके गुण की मर्यादा अधिक होगी। इसी कारण आज से पचास वर्ष पुर्व एतद्देशीय बाजीगरों को जो चकित, मुग्ध और स्तंभित बनाने वाले खेत मालूम थे, वे अब बिलकुलही विलोपित हो गये हैं। अग्रेजी बाजीगरों में यह खेल छिपा रखने की बाहियात छूत लगी नही है। उन लोगों के रङ्गालयो में खेले जाने वाले, प्रत्येक खेल विधिपूर्वक छपे हुये हैं-और उनके किये जाने का सब सामान ''जादूघरो में'' सस्ते दामो पर मिलता है। बाजीगरी का साहित्य भी धनाढय होने की वजह पश्रिमी संसारवासियों में बाजीगरी रहस्य अत्यत गुप्त नही है।
हिन्दी भाषा में, जहाँ लोग हमारा अनुभव है, इस ढङ्ग की यह की पहली पुस्तक है। यह पुस्तक बाजीगरी की अंग्रेजी पुस्तकों के आधार पर लिखी गई है। सर्व साधारण के लाभार्थ इसमें प्रधान-2 खेलों के संग्रह किये जाने का उद्योग किया गया है।
विषय सूची
1
अनुक्रमणिका
5
2
जादू की छड़ी
7
3
जादू का टेबुल
4
जादूगर का कपड़ा
8
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