"चिंक डिफरेंटली व्यावहारिक विचार पैटर्न वाली एक अद्भुत पुस्तक है जो उन समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोगी है जो हम अनजाने में विचारों के माध्यम से अपने लिए बनाते हैं, और हर समय आनंदित रहते हैं
प्रकृति उमा महेश एका प्रमुख अध्यात्मवादी हैं जिन्होंने पिछले 25 वर्षों में अपनी ध्यान और आध्यात्मिक गतिविधियों के माध्यम से लाखों लोगों का नेतृत्व किया है और प्रेरणा बनें है। वह एक लेखक और वक्ता हैं, जिन्होंने अपने हजारों उद्धरणों, सैकड़ों वीडियो के माध्यम से दुनिया भर में जीवन में नया उत्साह लाया है। वह एक युवा आध्यात्मिक वैज्ञानिक हैं जो आध्यात्मिकता को एक जीवन-शैली, एक विज्ञान के रूप में प्रचारित करते हैं, जिसका उपयोग जीवन को अधिक सार्थक, सफल और आरामदायक तरीके से जीने के लिए किया जा सकता है। पेशेवर रूप से वह एक एमएनसी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और 20 साल के कॉर्पोरेट अनुभव के साथ अनुभवी हैं।
यह किताब आज आपके हाथों में है, इसका मतलब आपने अपने चुने हुए रास्ते पर चलने की यात्रा को शुरू कर दिया है....
आपके जीवन को अद्भुत बनाने के लिए "क्या करना है?" इसके बारे में आपने सोचना शुरू कर दिया है.....
यहाँ तक की, कुछ दूर तक यात्रा भी करने के बाद "क्या इससे भी सही रास्ता होगा? या यही सही है?" यह भी सोचते रहते होंगे....
इसी तरह के विचारों ने २५ साल पहले से अब तक की यात्रा को संभव बनाया
उस सफर में कई संदेह, कई सवाल, कई समस्याएँ, कई तरह के लोग, कई तरह की घटनाएँ, कई तरह के डर, अनसोची परिस्थितियाँ आयी
सब लोग रहने पर भी अकेलापन, सब कुछ रहने पर भी कुछ ना होने जैसे... अनंत सफर..
एक सवाल जो हमेशा मेरे मनन मे उठता है..."कौनसा सही रास्ता है? कौनसी सही मंजिल है? और कितने दिन की मुश्किलें? और कितने दिन ये गुलामी?"
इन सारे प्रश्नों के उत्तर ढूंढने के लिए कई हजार किताबें पढ़ी, कई गुरुओं से मिला, बहुत सारे ज्ञान और ध्यान के प्रयोग भी किए.....
जिसको जो लगा उसने वह कहाँ, यह सब समझ में ना आकर उलझन में पड़ गया, फिर इससे बाहर निकलने के लिए कई प्रयास किए
कर्ड खोज करने के बाद सही रास्ता चुनकर यात्रा शुरू कि तो घर में और बाहर कई सारे विरोध, कई लडाइयां, कई धमकियां.
फिर भी बिना रुके धैर्य के साथ सफर शुरू करने के बाद "तुम्हारे साथ हम हैं" कहकर पता नहीं कहाँ से आए, आकर मुझे सहकार देकर "भगवान है, अभी भी सत्य इस दुनिया में बाकी है" इस बात को सिद्ध किए कई सारे महान लोग... कई सारे चमत्कार सामने आए!
ऐसे ही कई सारे अनुभवों से पैदा हुई है हमारी प्रकृति कहावतें!
जीवन में कई सारे विषयों पर जागरूकता और स्पष्टता ना होना ही दुखों का मूल कारण है।
जब जागरूकता और स्पष्टता बढ़ने लगती है तो सहज रुप से हमारा हृदय दुःख से बाहर निकलकर खुशी की तरफ कदम रखना शुरु करता है।
मेरे जीवन के कई मुश्किलों और कई महान कार्य करने में और कई मोड़ पर खुद को यकीन दिलाकर खुशी और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए उपयोग हुए आध्यात्मिक भावों को यहाँ रखने के लिए किया गया। यह प्रयत्न ही "र्थिक डिफ्रेट्ली" किताब है...!
यह बातें सिर्फ मुझे ही नहीं, मेरे कई सारे हजारों दोस्तों के जीवन में उपयोगी हुई हैं. इसका मतलब यह जरूर आपको भी आपके जीवन में उपयोगी होंगी... ये मेरा ठोस विश्वास है..!
यहाँ लिखी गई सारी बातें अभी तक कई सारे ग्रंथों में, कई सारे महान इसानों द्वारा कही गई हैं। में सिर्फ उसमें अपना व्यक्तिगत अनुभव जोड़कर बोलने की कोशिश कर रहा हूँ बस !
यहाँ दिए गए हर एक विषय केवल अपने आप में आत्म परिशीलन करके, अपने आप में बदलाव लाने के अलावा, दूसरों पर विमर्श करने के लिए नहीं है, याद रखिए।
अगर संभव हो तो इस किताब को पहले अध्याय से लेकर आखिरी अध्याय तक पढ़िए... उसके बाद जो भी चैप्टर आपको संदेश दायक लगा, आप दोबारा पढ़ सकते हैं!
सिर्फ नाम अलग है, लेकिन हर अध्याय तकलीफ से मुक्ति पाकर, खुशी के तरफ जाने के लिए ही है। यहाँ बताई गई बातें "नियम नहीं है" वह बस आलोचना विधान हैं!
इसलिए आशा करता हूँ कि आप आराम से इस किताब को पढ़कर आपके जीवन की यात्रा में खूब आनंद के साथ आगे बढ़ेंगे,
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