समकालीन हिंदी रचनाकारों में उदय प्रकाश विशिष्ट महत्त्व रखते हैं। उदय प्रकाश का व्यक्तित्व बहुआयामी है। कवि-कथाकार और चिंतक इनका मणिकांचन संयोग उदय प्रकाश के यहाँ देखा जा सकता है। उदय प्रकाश का महत्त्व इस दृष्टि से बढ़ जाता है कि उन्होंने बिना किसी से प्रभावित हुए लेखन के क्षेत्र में अपनी अलग राह बनाई। उनके रचनाकार व्यक्तित्व के निर्माण में विचारधारा और प्रतिबद्धता की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, फिर भी यह कहना असंगत न होगा कि उनकी रचनाएँ पाठकों को इस प्रकार सम्मोहित करती हैं कि अन्य बातें उसके आगे गौण हो जाती है। उदय प्रकाश के रचना-कर्म की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि जिस सूक्ष्म दृष्टि से वे अपने आसपास की चीजों को देखते हैं, वह अन्यत्र दुर्लभ है। उदय प्रकाश जीवन के यथार्थ के कवि हैं। उदय प्रकाश की रचनाएँ इस बात का साक्ष्य उपस्थित करती हैं कि उनकी दृष्टि से कुछ भी ओझल नहीं हुआ है।
समकालीन हिंदी की रचनाशीलता में उदय प्रकाश की ख्याति का आधार उनका कहानीकार व्यक्तित्व है। फिर भी, इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वे मूलतः और अंततः कवि हैं। बीसवीं सदी के आठवें दशक में जिन कवियों ने सर्वथा नई काव्यभाषा और विचार के स्तर पर अपनी ओर ध्यान आकृष्ट किया, उदय प्रकाश उनमें सर्वाधिक उल्लेखनीय हैं। उदय प्रकाश की अनेक काव्य-पंक्तियाँ अत्यंत चर्चित हुई। वैचारिक स्तर पर उनकी कविताएँ सांद्र और प्रभावशाली हैं। मरना कविता तो प्रायः जन आंदोलनों के दौरान उद्धृत की जाती है। सुनो कारीगर (1980 ई.), अबूतर कबूतर (1984 ई.), रात में हारमोनियम (1998 ई.), एक भाषा हुआ करती है (2008 ई.) और अम्बर में अबाबील (2019 ई.) उनके पाँच कविता-संकलन प्रकाशित हैं। सुनो कारीगर से लेकर अद्यावधि प्रकाशित उनकी कविताएँ जन सरोकारों से जुड़ी हुई रचनाएँ हैं। इसके साथ ही लोकसंस्कृति और विशिष्ट सौंदर्य-दृष्टि उनके कवित्व को विस्तार देते हैं। वसंत कविता जिस प्रकार प्राकृतिक सौंदर्य को रेखांकित करती है, वह विलक्षण है। उदय प्रकाश की कविताएँ पारिवारिक और रागात्मक संबंधों को भी संवेदनशीलता के साथ प्रकाशित करती हैं। कहने का अर्थ यह है कि उदय प्रकाश जीवन की संपूर्णता और विविधता के कवि हैं।
उदय प्रकाश के रचनाकार व्यक्तित्व के निर्माण में उनके कहानीकार रूप की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण और उल्लेखनीय भूमिका है। टेपचू कहानी से लेकर जज साहब कहानी तक उदय प्रकाश ने जिस कुशलता और संवेदनशीलता के साथ अपने समय के यथार्थ को उजागर किया है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। उदय प्रकाश की चर्चित कहानियों में तिरिछ, छप्पन तोले की करधन, पाल गोमरा का स्कूटर, मैंगोसिल, दिल्ली की दीवार, मौसाजी, और अंत में प्रार्थना, मोहनदास आदि का उल्लेख किया जा सकता है। उदय प्रकाश की कहानियाँ जहाँ एक ओर बदल रहे समाज और व्यक्ति का चित्र खींचती हैं, वही दूसरी ओर आम आदमी के जीवन संघर्षों को भी संपूर्णता के साथ आलोकित करती हैं। जादुई यथार्थवाद और उत्तर आधुनिक चिंतन को अनुस्यूत किए हुए उनकी कहानियाँ पाठकों को एक अलग लोक में पहुँचा देती हैं।
उदय प्रकाश ने वैचारिक और चिंतनपरक लेखन कार्य भी किया है। उनकी विचार और चिंतन के धरातल पर रची गई कृतियों में नई सदी का पंचतंत्र और ईश्वर की आँख अत्यंत चर्चित हुई। उदय प्रकाश का आलोचनात्मक लेखन हिंदी के अनेक साहित्यकारों के वैशिष्ट्य को रेखांकित करता है। इसके साथ ही उदय प्रकाश ने पश्चिम के अनेक रचनाकारों-कलाकारों पर भी प्रभूत मात्रा में लिखा है। सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों पर भी उन्होंने लेखन कार्य किया है। उदय प्रकाश के वैचारिक और चिंतनपरक लेखन का महत्त्व इस दृष्टि से बढ़ जाता है कि उन्होंने निर्भीक और पूर्वग्रहरहित दृष्टिकोण के साथ अपने विचारों को प्रकट किया है।
डॉ. वाइखोम चींखैडानबा उदय प्रकाश के साहित्य के गंभीर अध्येता हैं। उन्होंने समर्पण और निष्ठा के साथ परिश्रमपूर्वक उदय प्रकाश के साहित्य पर पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। उनकी यह पुस्तक उदय प्रकाश के साहित्य के विविध पक्षों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालती है। कवि-कहानीकार और चिंतक - उदय प्रकाश के इन सभी पक्षों पर डॉ. चींखैडानबा ने मौलिकतापूर्ण ढंग से विचार किया है। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद यह कहा जा सकता है कि लेखक के पास स्वंय की दृष्टि है, अपना विवेक है और साहित्यिक समझ विकसित है। पुस्तक में उदय प्रकाश के संपूर्ण कृतित्व पर समग्रता में तो प्रकाश डाला गया है, किंतु अनावश्यक विस्तार से बचा गया है। डॉ. वाइखोम चींखैडानबा के अध्ययन की गहराई इससे प्रमाणित होती है कि उदय प्रकाश के साहित्यिक वैशिष्ट्य के संदर्भ में उनकी दृष्टि सुस्पष्ट और उलझावरहित है। भाषा और प्रस्तुति की दृष्टि से भी यह पुस्तक समस्तरीय है। डॉ. वाइखोम चींखैडानबा को मैं उनकी इस पहली आलोचनात्मक कृति के प्रकाशन के अवसर पर अपनी शुभकामनाएँ देता हूँ कि उनका आलोचना-विवेक निरंतर संवर्धित होता रहे।
Hindu (हिंदू धर्म) (13443)
Tantra (तन्त्र) (1004)
Vedas (वेद) (714)
Ayurveda (आयुर्वेद) (2075)
Chaukhamba | चौखंबा (3189)
Jyotish (ज्योतिष) (1543)
Yoga (योग) (1157)
Ramayana (रामायण) (1336)
Gita Press (गीता प्रेस) (726)
Sahitya (साहित्य) (24544)
History (इतिहास) (8922)
Philosophy (दर्शन) (3591)
Santvani (सन्त वाणी) (2621)
Vedanta (वेदांत) (117)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist