पुस्तक के विषय में
इस पुस्तक में शामिल किये गए छोटे लेख अपने मूल रूप में अलग अलग अख़बारों और पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए थे | इस तरह की संक्षिप्त टिप्पणियों में यह सुविधा रहती है की शिक्षा के व्यापक और आम तौर पर निराश करने वाले परिदृश्य को कुछ बारीकी से, किसी एक प्रसंग में देखा और चित्रित किया जाए |
वास्तव में शिक्षा पर विचार करने के लिए समस्याओं की बहुत बड़ी परिधि या सुचना बनाना ज़रूरी नही होता, भले ही यह बात सच है की शिक्षा की समस्याएँ सिर्फ शिक्षा की ही नही है, वे समाज और राज्य की संरचना और समस्याओं से भी जुड़ी है | मगर उन्हें इस वृहत्तर परिप्रेक्ष्य में समझने के लिए भी छोटे छोटे प्रसंग ज़रूरी है, वार्ना हमारी समझ अमूर्त रहेगी और उसे सम्प्रेषित करना मुश्किल बना रहेगा |
पुस्तक के विषय में
इस पुस्तक में शामिल किये गए छोटे लेख अपने मूल रूप में अलग अलग अख़बारों और पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए थे | इस तरह की संक्षिप्त टिप्पणियों में यह सुविधा रहती है की शिक्षा के व्यापक और आम तौर पर निराश करने वाले परिदृश्य को कुछ बारीकी से, किसी एक प्रसंग में देखा और चित्रित किया जाए |
वास्तव में शिक्षा पर विचार करने के लिए समस्याओं की बहुत बड़ी परिधि या सुचना बनाना ज़रूरी नही होता, भले ही यह बात सच है की शिक्षा की समस्याएँ सिर्फ शिक्षा की ही नही है, वे समाज और राज्य की संरचना और समस्याओं से भी जुड़ी है | मगर उन्हें इस वृहत्तर परिप्रेक्ष्य में समझने के लिए भी छोटे छोटे प्रसंग ज़रूरी है, वार्ना हमारी समझ अमूर्त रहेगी और उसे सम्प्रेषित करना मुश्किल बना रहेगा |