मैं कई वर्षों से चिंतन कर रहा था कुछ ऐसा साहित्य प्रस्तुत किया जाये जिसमें भारत के जन साहित्य का प्रतिनिधित्व हो सके।
हर वर्ष एक नया प्रयोग करने की इच्छा के अनुरूप 1 जनवरी 2021 की सुबह मैंने यह संकल्प लिया कि 'भारत कथा माला' उभरते हुए रचनाकारों की रचनाओं को प्रकाशित किया जाए। यहीं से भारत कथा माला का जन्म हुआ।
स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ (अमृत महोत्सव) पर डायमंड बुक्स द्वारा 28 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों की विभिन्न भारतीय भाषाओं की हिन्दी में रचनाएं प्रकाशित की हैं जिसमें प्रत्येक राज्य से चार पुस्तकें 21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियां, 21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां, 21 श्रेष्ठ युवामन की कहानियां और 21 लोक कथाएं शामिल हैं।
इस कथा माला में शामिल रचनाकार पुष्प के समान हैं जिनमें साहित्य की महक मौजूद है, जिनके हर फूल में सुगंध है। मैं उन सभी कलम के जादूगरों व कलम के सिपाहियों, जिन्होंने अपनी क्षुति, स्मृति और विद्या से इस कथा माला को संवारा, अभिनन्दन करता हूं।
भारत कथा माला के द्वारा मुझे अवसर मिला है कि इसके हर पुष्प को मैं समर्पित करूं। एक प्रकाशक के रूप में मैं उन सबका ऋणि हूं, जिन्होंने मेरी 60 वर्षों की प्रकाशन यात्रा में गर्व करने का अवसर दिया।
यह पुस्तक समर्पित है,
प्रिय मित्र प्रदीप मित्तल और नीरु भाभी को, जिन्होंने मित्रता को एक नई परिभाषा दी।
मेरा मत है कि भारत एक विशाल देश है. जिसमें अनेक सभ्यताओं, परंपराओं का समावेश है। विभिन्न राज्यों के त्योहार पर्व, रहन-सहन का ढंग, शैक्षिक अवस्था, वर्तमान और भविष्य का चिंतन, भोजन की विधियां, सांस्कृतिक विकास, मुहावरे, पोशाक और उत्सव इत्यादि की जानकारी भी कथा-कहानी के माध्यम से मिलती है। इस बात का ध्यान रखते हुए कि भारत के सभी प्रदेशों के निवासी, साहित्य के माध्यम से एक-दूसरे को जानें, समझें और प्रभावित हो सकें, इसलिए ऐसा साहित्य उपलब्ध करवाना हमारा प्रमुख उद्देश्य बन गया था। 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद डायमंड बुक्स द्वारा इस वर्ष 'भारत कथा माला' का प्रकाशन संभव हुआ। 28 राज्यों और 9 केन्द्र शासित प्रदेशों के लगभग 3000 लेखकों और 100 सम्पादकों की अथक मेहनत का परिणाम है 'भारत कथा माला'। इस कथा माला में लगभग 126 पुस्तकें प्रकाशित हुईं जिनमें 3000 से अधिक रचनाओं को शामिल किया गया है। 'अमृत महोत्सव' की इस पावन बेला पर यह एक महती कार्य हुआ है जो हिन्दी के पाठकों के लिए एक अलग तरह का अनुभव प्रदान करेगा।
डायमंड बुक्स ने अपनी लम्बी यात्रा में हिन्दी, अंग्रेजी और भारत की अन्य प्रमुख बारह भारतीय भाषाओं में लगभग दस हजार से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं। प्रतिदिन एक पुस्तक प्रकाशित करने का हमारा रिकॉर्ड आज भी कायम है।
यह प्रेरणा हमें अपने दादा जी से मिली, जिन्होंने 1928 मुलतान (पाकिस्तान) से प्रकाशन शुरू किया, यह प्रकाशन यात्रा दिल्ली में 1948 से शुरू हुई और अब चौथी पीढ़ी तक अनवरत चली आ रही है।
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