आधुनिक समय की तरह प्राचीन समय में चिकित्सा के इतने विकल्प मौजूद नहीं थे फिर भी हमारे पूर्वजों ने कई ऐसे घरेलू उपचार के तरीके खोज लिये थे जिनसे बेहद सारी बीमारियों की प्राथमिक चिकित्सा घरलू संसाधनों के प्रयोग से हो जाती थी, चिकित्सा के लिये सदैव ही वैद्य पर निर्भर नहीं रहना होता था। इसका एक महत्वपूर्ण लाभ यह भी है कि अतिरिक्त धन का खर्च भी नहीं होता है।
घरेलू उपचार में वे सारे रोग आ जाते हैं जिनसे हमारा वास्ता दैनिक जीवन में कई बार होते रहता है जैसे पेटदर्द, सर्दी-खांसी, गैस की समस्या, कमर दर्द या ऐसी ही अन्य समस्यायें। इन रोगों के उपचार भी हमारी रसोई में उपलब्ध संसाधनों जैसे - हल्दी, राई, मैथी, दालचीनी से बेहद सरलता से किया जा सकता है।
इस पुस्तक का उद्देश्य ऐसी ही दैनिक समस्याओं का उपचार घरेलू संसाधनों के माध्यम से सभी पाठकों तक पहुंचाना है। विशेष बात यह है कि उपचार की सारी सामग्री हमारे ही घरों में मौजूद है बस हमें उनसे उपचार की सही जानकारी उपलब्ध नहीं है। इस पुस्तक में बताये गये निर्देशों के अनुसार सभी पाठक रोगों का प्राथमिक उपचार घरेलू संसाधनों से कर सकते हैं, इससे उन्हें बेहद लाभ होगा। अलग-अलग केटेगरी के अनुसार यहां रोगों के प्राथमिक उपचारों के निर्देश दिये गये हैं।
Hindu (हिंदू धर्म) (13443)
Tantra (तन्त्र) (1004)
Vedas (वेद) (714)
Ayurveda (आयुर्वेद) (2075)
Chaukhamba | चौखंबा (3189)
Jyotish (ज्योतिष) (1543)
Yoga (योग) (1157)
Ramayana (रामायण) (1336)
Gita Press (गीता प्रेस) (726)
Sahitya (साहित्य) (24544)
History (इतिहास) (8922)
Philosophy (दर्शन) (3591)
Santvani (सन्त वाणी) (2621)
Vedanta (वेदांत) (117)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist