| Specifications |
| Publisher: Divyam Prakshan, Delhi | |
| Author Shashi Ranjan, Sanjay Kumar | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 253 | |
| Cover: HARDCOVER | |
| 9x6 inch | |
| Weight 472 gm | |
| Edition: 2024 | |
| ISBN: 9789391755898 | |
| HAH362 |
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भारतीय संस्कृति को एल बाशम ने 'अद्भुत भारत' नाम दिया था। भारतीय आम आदमी की चर्चा करते हुए मैक्स मूलर ने प्रोफेसर विलसन के कथनों को इस प्रकार उद्धृत किया है भारत में कोई शराबी नहीं था, कोई अव्यवस्थित आचरण नहीं था, अवज्ञा नहीं थी। साथ ही उनमें बेइमानी नहीं थी और स्पष्टवादिता उनकी अत्यन्त सार्वभौमिक विशेषता थी। दूसरी ओर, एक अन्य दृष्टांश पर नजर पड़ती है। आइन-ए-अकबरी में दर्ज है हिन्दू धार्मिक, विश्वसनीय, प्रफुल्ल, न्यायप्रिय, सत्य के प्रशंसक, कृतज्ञ और असीमित निष्ठा वाले होते हैं और उनके सैनिक यह नहीं जानते कि युद्ध के मैदान में भागना क्या होता है? भारतीयों के बारे में एक संदर्भ को रखते हुए मैक्स मूलर स्वयं लिखते हैं कि भारत कानून से नहीं चलता, वह अपने ईश्वरीय ईमान से संचालित होता है। यहां ईश्वरीय डर की ताकत अभी खत्म नहीं हुई है। ज्यादातर गांवों में पीपल का पवित्र पेड़ होता है और ऐसा माना जाता है कि देवतागण इसके पत्तों में बैठे रहते हैं और पत्तों की खड़खड़ाहट का संगीत सुनते रहते हैं। संस्कृति आमजनों से बुनती है। इसलिए मैंने उपर्युक्त संदर्भ दिया है। अब थोड़ा अन्य पक्ष की झलक देता हूं।
भारतीय संस्कृति और सभ्यता का एक समृद्ध और विविध इतिहास है, जिसमें निम्न विशेषताएं हैं:
• धर्म और आध्यात्मिकता हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म भारत में उत्पन्न हुए, और यह देश अपने कई मंदिरों, आश्रमों और अन्य पूजा स्थलों के लिए जाना जाता है।
• कला और वास्तुकला भारत पारंपरिक चित्रों, मूर्तियों और वस्त्रों सहित अपनी जटिल और रंगीन कला के लिए जाना जाता है। यह देश ताजमहल, लाल किला और हम्पी के प्राचीन खंडहरों जैसे आश्चर्यजनक वास्तुशिल्प चमत्कारों का भी घर है।
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